ट्रंप का दावा: भारत-पाकिस्तान युद्ध को टैरिफ की धमकी से रोका; भारत ने दिया ये जवाब

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 27 अगस्त को व्हाइट हाउस में एक कैबिनेट बैठक के दौरान एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन के सैन्य संघर्ष को रोकने में निर्णायक भूमिका निभाई। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों, खासकर पाकिस्तान, को 100% टैरिफ की धमकी देकर पांच घंटे के भीतर युद्धविराम करवाया। हालांकि, भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि युद्धविराम दोनों देशों के सैन्य निदेशकों (DGMOs) की सीधी बातचीत से हुआ, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं थी।

यह घटना भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ (25% आधार शुल्क और 25% रूस से तेल खरीदने की सजा) के संदर्भ में और महत्वपूर्ण हो जाती है, जो भारत के हैंडलूम और टेक्सटाइल कारोबारियों जैसे सचिन ग्रोवर जैसे छोटे उद्यमियों पर भारी पड़ रहा है।

ट्रंप का दावा और चेतावनी

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा, “मैंने पीएम नरेंद्र मोदी से कहा, ‘आपके और पाकिस्तान के बीच क्या चल रहा है?’ फिर मैंने पाकिस्तान से बात की और कहा, ‘आप व्यापार की बात कर रहे हो, लेकिन भारत से युद्ध करने जा रहे हो। अगर आप युद्ध जारी रखते हो, तो हम कोई व्यापारिक डील नहीं करेंगे और इतना ऊंचा टैरिफ लगाएंगे कि आपका सिर घूम जाएगा।’ पांच घंटे बाद मामला शांत हो गया।”

ट्रंप ने यह भी दावा किया कि संघर्ष में सात लड़ाकू विमान गिराए गए, जिनकी कीमत 150 मिलियन डॉलर थी। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये विमान भारत, पाकिस्तान, या दोनों के थे। भारत और पाकिस्तान दोनों ने इस दावे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की, और ट्रंप के दावों को अतिशयोक्तिपूर्ण माना जा रहा है।

ट्रंप ने मई 2025 से अब तक 40 से अधिक बार दावा किया है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोका, जिसमें उन्होंने टैरिफ और व्यापारिक दबाव का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, “मैंने सात युद्ध रोके, जिनमें से चार में टैरिफ और व्यापार का इस्तेमाल किया।”

भारत का रुख

भारत ने ट्रंप के दावों को बार-बार खारिज किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2025 में युद्धविराम दोनों देशों के सैन्य निदेशकों की सीधी बातचीत से हुआ। इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।” पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में स्पष्ट किया कि भारत ने अपनी शर्तों पर युद्धविराम स्वीकार किया, और किसी बाहरी दबाव का कोई सवाल नहीं था।

भारत ने ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश, खासकर कश्मीर मुद्दे पर, को भी ठुकरा दिया है। भारतीय सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “हमारी सेना किसी भी उल्लंघन का जवाब देने के लिए तैयार थी। युद्धविराम जमीन पर लागू होने में समय लगा, लेकिन यह हमारी शर्तों पर हुआ।”

टैरिफ और भारत-पाकिस्तान संबंध

ट्रंप के 50% टैरिफ (7 अगस्त से लागू 25% आधार शुल्क और 27 अगस्त से लागू 25% अतिरिक्त शुल्क) का कारण भारत का रूस से तेल और सैन्य खरीद को बताया गया है। यह टैरिफ भारत के 86.5 अरब डॉलर के निर्यात में से 48.2 अरब डॉलर को प्रभावित करेगा, विशेष रूप से टेक्सटाइल, रत्न-आभूषण, और कृषि क्षेत्रों को। शाहजहांपुर में सचिन ग्रोवर जैसे हैंडलूम कारोबारियों की आत्महत्या इस आर्थिक दबाव का एक दुखद उदाहरण है, जो टैरिफ के कारण मांग में कमी और कर्ज के बोझ से जूझ रहे थे।

ट्रंप ने पाकिस्तान को 19% टैरिफ की रियायती दर दी, जबकि भारत पर 50% टैरिफ लगाया। इसके साथ ही, ट्रंप ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर की दो बार मेजबानी की और उनके साथ तेल भंडार विकास की डील की, जिससे भारत में नाराजगी बढ़ी। भारत ने इसे अमेरिका की पक्षपातपूर्ण नीति के रूप में देखा, खासकर तब जब पाकिस्तान ने पहलगाम हमले (22 अप्रैल 2025) के बाद भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की थी।

भारत की रणनीति और जवाब

  1. आर्थिक जवाब: भारत सरकार ने 25,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज तैयार किया है, जिसमें आपातकालीन ऋण और जीएसटी रिफंड शामिल हैं। भारत वैकल्पिक बाजारों (यूके, यूएई, ऑस्ट्रेलिया) और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (FTA) पर ध्यान दे रहा है।
  2. कूटनीतिक रुख: भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेश नीति पर जोर दिया और ट्रंप की धमकियों को खारिज करते हुए कहा कि वह रूस से तेल खरीद जारी रखेगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, “भारत और रूस का रिश्ता समय की कसौटी पर खरा है।”
  3. चीन के साथ निकटता: ट्रंप के टैरिफ और पाकिस्तान के साथ नजदीकी के जवाब में भारत ने चीन के साथ संबंध सुधारने शुरू किए। पीएम मोदी ने हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की, जिससे क्वाड (US, भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया) की रणनीति प्रभावित हो सकती है।

ट्रंप का दावा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को टैरिफ की धमकी से रोका, भारत ने सिरे से खारिज किया है, इसे अमेरिकी हस्तक्षेप के बजाय दोनों देशों की सीधी बातचीत का नतीजा बताया। 50% टैरिफ ने भारत के टेक्सटाइल और हैंडलूम जैसे क्षेत्रों को गहरी चोट पहुंचाई है, जिसका असर छोटे कारोबारियों, जैसे सचिन ग्रोवर, पर पड़ा। भारत की स्वतंत्र नीति, राहत पैकेज, और वैकल्पिक बाजारों की तलाश इस संकट से निपटने की रणनीति का हिस्सा है।

ट्रंप की पाकिस्तान के प्रति नरम नीति और भारत पर सख्ती ने दोनों देशों के रिश्तों को 25 साल के निचले स्तर पर ला दिया है। फिर भी, भारत और अमेरिका के बीच गहरे व्यापारिक और सामाजिक रिश्ते दीर्घकालिक सहयोग की उम्मीद जगाते हैं।

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