फ्लिपकार्ट-वालमार्ट सौदे के विरोध में व्यापारियों की देशव्यापी हड़ताल

नई दिल्ली। कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने शुक्रवार को खुदरा कारोबार के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और फ्लिपकार्ट-वालमार्ट सौदे के विरोध में देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया। संगठन ने व्यापारियों की मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भी सौंपा। सीएआईटी की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, खुदरा कारोबार के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और फ्लिपकार्ट-वालमार्ट सौदे के विरोध में शुक्रवार को देशभर में बाजार बंद रहा।

फ्लिपकार्ट-वालमार्ट

सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बयान में मोदी से सौदे को रोकने में हस्तक्षेप करने की मांग की और कहा कि इससे सरकार के 2016 की एफडीआई प्रेस नोट संख्या-3 का उल्लंघन होता है।

संठगन ने मोदी से इस मामले की जांच के लिए वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री की अध्यक्षता में अधिकारी व व्यापारियों के प्रतिनिधियों की एक समिति गठित करने की मांग की।

संगठन ने कहा कि देशभर के करीब सात करोड़ व्यवसाय प्रतिष्ठानों और 40,000 से ज्यादा व्यापारी संगठनों ने इस एक दिवसीय हड़ताल में हिस्सा लिया।

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सीएआईटी ने कहा कि देशभर में व्यापारियों ने धरना-प्रदर्शन करने और मार्च निकालने के बाद प्रधानमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन की तरह संबंधित जिला अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपे।

संगठन ने कहा कि कृषि के बाद खुदरा क्षेत्र में सबसे ज्यादा रोजगार मिलता है और यह सरकार के लिए राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत है, फिर भी इसे कभी प्राथमिकता नहीं दी गई।

बयान में कहा गया कि व्यापारियों के साथ इस तरह का सौतेला व्यवहार खत्म होना चाहिए।

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सीएआईटी ने वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी के खिलाफ 28 अगस्त को राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) का दरवाजा खटखटाया था।

इसके बाद एनसीएलएटी ने बिजनेस मॉडल की जानकारी मांगते हुए वालमार्ट को नोटिस जारी किया।

वालमार्ट ने अगस्त में ई-कॉमर्स क्षेत्र की अग्रणी कंपनी फ्लिकार्ट में करीब 77 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया।

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