चीन से जुड़े समझौते पर ऑस्ट्रेलियाई पीएम के विशेष प्रतिनिधि ने क्यों बोला: ‘ये था भारत का चालाक कदम’

ऑस्ट्रेलिया ने 3 दिसंबर को चीन की साजिशों का एक बार फिर से पर्दाफाश किया है। ऑस्ट्रेलियाई पीएम के विशेष प्रतिनिधि और पूर्व पीएम टोनी एबॉट के मुताबिक “चीन व्यापार का Armament कर रहा है और उसने ऐसी परिस्थितियां पैदा कर दीं हैं, जिससे उसे एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में नहीं देखा जा सकता है।”

उन्होनें कहा कि “पिछले कुछ सालों में, हमनें एक बहुत ही भिन्न चीन देखा है। जो चीन हम लोग देख रहे हैं वह लोगों की पीठ पर चाकू घोंप रहा है। इसी वजह से चीन ने मनमाने ढंग से ऑस्ट्रेलिया के साथ 20 बिलियन डॉलर के व्यापार को रद्द कर दिया।”

ऑस्ट्रेलिया के विशेष प्रतिनिधि के मुताबिक कई देशों के साथ चीन के व्यापारिक मसलों के कारण भारत एक विकल्प के रूप में उभर कर सामने आया है। भारत का आरसीईपी से दूर रहना एक चालाक कदम था, जिसने चीन को उसी की भाषा में जवाब दिया।

भारत आर्थिक टेकऑप करने की दहलीज पर
टोनी एबॉट के मुताबिक “भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। उसके पास वह सबकुछ है, जो विश्व को चाहिए। भारत आर्थिक टेकऑफ करने की दहलीज पर पहुंच चुका है। मुझे विश्वास है कि हम भारत के साथ एक प्रारंभिक फसल व्यापार समझौता कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुक्त व्यापार समझौता भारत और ऑस्ट्रेलिया की बेहतरी के लिए होगा।”

उन्होंने कहा कि “भारत और ऑस्ट्रेलिया आर्थिक भागीदार हैं। भारत इस समय एक बड़ा उत्पादक देश बन चुका है और ऑस्ट्रेलिया के बाद प्राकृतिक संसाधन वाली अर्थव्यवस्था है। भारत के ‘मेक इन इंडिया’ की हर जरूरत को हम पूरा कर सकते हैं।”

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