घर का दरवाजा खोलते ही कहीं ये चीजे तो नहीं आती है सामने…यही है तरक्की में रोड़ा

यदि आप अपने घर के दरवाजे के उत्तर पूर्व में होने व मकान के पूर्वमुखी होने के बावजूद भी आपको धन की कमी व मानसिक अशांति के दौर से अपना पीछा नहीं छुड़ा पा रहे हैं,  तो सावधान हो जायें क्योंकि उसका एक प्रमुख कारण वास्तुदोष वेध भी हो सकता है।

जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं…

 

दरवाजे

 

दरअसल, हमें मकान के चारों कोण भी ध्यान से देखने चाहिए कि कोई कोण 90 डिग्री से बड़ा या छोटा नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह भी वास्तुशास्त्र में रुकावट दोष ही है, व इसका समाधान भी वास्तुशास्त्र में बताया गया है।

इसके साथ ही यदि मकान के सामने किसी शमशान गृह अथवा पुलिस स्टेशन या अस्पताल या बच्चों का स्कूल होने को भी वास्तुशास्त्र में रुकावट माना गया है, व ऐसे भवन में रहने वाले लोगों की जिंदगी में उन्नति न होकर अनेक रुकावटें देखी गई हैं।

यदि कोई बाधा मकान की ऊंचाई से कम से कम दोगनी दूरी पर हो तभी द्वार वेध के दोष से बचा माना जा सकता है।

इसके अलावा यदि हमारे द्वार के खोलने या बंद होने के समयसे कर्कश आवाज आती है, या दरवाजा दीवार अथवा फर्श से रगड़ता हुआ शोर करता है, तो यह भी बाधा दोष है। इससे घर के सदस्यों के मध्यकलह की आशंका होती है।

इसी प्रकार कैक्टस, बरगद, मदार, आक इत्यादि भी नहीं लगाने चाहिए। उपरोक्त वेध दोषों को मामूली उपायों से सही कर व्यक्तिगत जीवन में खुशहाल बनाया जा सकता है।

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