महिलाओं को शशक्त और आत्म निर्भर बनाने के लिए बेहतरीन हैं ये स्टार्टअप

आज हम बात करेंगे कुछ बेहतरीन स्टार्टअप के बारे में जो महिलाओं को शशक्त और आत्म निर्भर बनाने में मदद करेंगे। इन स्टार्टअप को शुरू करना ज्यादा मुश्किल भी नहीं है और इनसे महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर आगे बढ़ सकती हैं।

महिलाओं को शशक्त और आत्म निर्भर बनाने के लिए बेहतरीन हैं ये स्टार्टअप

1. स्कूल प्रोग्राम-

अक्सर शुरुआत से ही युवा लड़कियों को कहा जाता है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी का क्षेत्र मर्दों का क्षेत्र है। तकरीबन 10 लाख बच्चों को विज्ञान और प्रद्योगिकी की जानकारियों से पूरा करने की ख्वाहिश बताता है कि लड़कियों को युवा उम्र से ही शोध और नये खोज करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हालांकि असलियत यही है कि स्कूलों में तकरीबन 10 हजार स्कूलों में नमूने के तौर पर इसका प्रयोग किया जा रहा है। जिसकी मदद से तीव्र बुद्धि वाले हुनरमंदों को ढूंढा जा सके।

2. राष्ट्रीय संस्थानों के नए सेंटर खोलना-

महिलाओं के उपयोग के लिए एक अच्छा संसाधन है, राष्ट्रीय संस्थानों के नए सेंटर खोलना। सरकार को देश भर में राष्ट्रीय संस्थानों में 13 स्टार्टअप सेंटरों और 18 बिजनेस टेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर स्थापित करने हैं।

3. अटल मिशन योजना-

इस स्कीम के तहत महिलाओं को स्वरोजगार के क्षेत्र में भरपूर प्रतोत्साहन मिल सकता है। खास तौर से सलाह देने और रचनात्मक व्यक्तियों को अपने आइडिया को विकसित करने के लिए मंच के साथ प्रदान करने पर आधारित है। इसके तहत नए नए आविष्कारों के लिए विशिष्ट इनक्यूबेटर्स और 500 मरम्मत करने वाले लैब बनाने का लक्ष्य है।

4. फंडिंग सपोर्ट-

सरकार ने स्टार्ट अप इंडस्ट्री के बूम के लिए अगले चार सालों के लिए 2,500 करोड़ का फंड तय किया है । इस फंड के तहत अलग अलग सेक्टर को आर्थिक मदद पहुंचायी जाएगी, जैसे कि कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा। जिससे ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को प्रोत्साहित किया जा सके।

5. टैक्स में छूट-

तेज और स्थिर विकास के लिए स्टार्ट अप को तीन साल के लिएआयकर से मुक्त कर दिया गया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यही है। और इससे महिलाओं को भी काफी फायदा होगा।

6. स्टार्ट अप समारोह-

सरकार ने सभी स्टार्ट अप के हितधारकों को इससे जुड़ी विशेषताओं से अवगत कराने के लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार करने का फैसला किया। इसके तहत कम से कम कम से राष्ट्रीय स्तर पर एक इवेंट के आयोजन का फैसला हुआ। इससे भी महिला उद्यमियों को बहुत फायदा पहुंचेगा। और उन्हें ऐसे इवेंट के जरिये अपने स्टार्ट अप को आगे बढ़ाने में एक सहायता भी मिल जायेगी।

सरकार ने अब मोबाइल एप के जरिये स्टार्ट अप उपलब्ध कराने का फैसला किया है। जिससे इससे जुड़े लोग अपनी जानकारी को खुद से अभिप्रमाणित कर सकें। उनके लिए तीन साल तक श्रम कानूनों के तहत कोई जांच नहीं होगी। इतनी भर छूट से इन स्टार्ट अप को कम लागत में आगे बढ़ने की पूरी आजादी मिल सकेगी।

8. कानून सहायता-

महिलाओं के लिए इस स्कीम की सबसे खास बात अगर कुछ है तो वो है आईपीआर, जिसके तहत कला और साहित्यि से जुड़े कामों को भी प्रदर्शित किया जा सकता है। एक तरह से ये औद्योगिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए किसी भी व्यावसायिक संगठन के लिए रणनीतिक उपायों के रूप में काम करते हैं।

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