चिलचिलाती गर्मी से बचाव के लिए अपनाएं यें हेल्थ टिप्स, नही लगेगी लू

(अराधना)

गर्मी के मौसम में गर्म हवा और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। जैसे जैसे गर्मी के दिन आते हैं गर्म हवा, सूखापन तेजी से बढ़ने लगता है। आयुर्वेद के मुताबिक इसी दौरान हमारा वात दोष बढ़ना शुरू हो जाता है जिससे स्किन पर चकत्ते, धूप की कालिमा और डीहाईड्रेशन जैसी परेशानी होती हैं। गर्मी के मौसम में एसिडिटी, अपच, एसिड रिफ्लक्स और जी मिचलना जैसी पाचन समस्याएं भी आमतौर पर होती हैं। चिलचिलाती गर्मी में लू से बचने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक हेल्थ टिप्स

लू से बचने के लिए खाए ये चार चीज

ईसबगोल 

तापमान के बढ़ने की वजह से पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। इससे पाचन संबंधि परेशानी होने का खतरा बढ़ सकता है। गर्मियों में डीहाईड्रेशन, गर्मी की थकावट, स्ट्रोक और भूख न लगना जैसी परेशानियां हो जाती हैं। शोध के अनुसार, इसबगोल या साइलियम में म्यूसिलेज और एलिमेंटरी फाइबर भरपूर होते हैं। खासकर गर्मियों में साइलियम आंतों के हेल्थ को बनाए रखने में लाभदायक होता है।

आंवला 

आंवला में कूलिंग गुण पाये जाते है। आयुर्वेद के अनुसार कूलिंग गुण वात और पित्त दोष दोनों को संतुलित करते हैं, जबकि सुखाने की क्षमता कफ दोष को संतुलित करती है। कच्चे आंवले का सेवन गर्मियों में शरीर को ठंडा रखता है और ‘लू’ या चिलचिलाती हवाओं से बचाता है। इसका जूस, कच्चा, अचार, पाउडर, या घर के बने मीठे मुरब्बे के रूप में सेवन कर सकते है।

व्हीटग्रास

व्हीटग्रास में विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है। गर्मियों में इसका इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है। व्हीटग्रास जूस पूरे शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करता है। व्हीटग्रास कार्ब्स को एनर्जी में बदलने में भी मदद करता है, जिससे आप एनर्जेटिक बने रहते हैं। यह न केवल स्किन के संक्रमण से बचाता है बल्कि हीट रैश और थकान से बचाने में भी मदद करता है।

 गुलकंद

इसमें एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होता है और यह प्रणाली को फिर से जीवंत करता है। गर्मी से थकावट, सुस्ती और थकान के साथ-साथ हथेलियों और तलवों पर जलन होती है। यह एसिडिटी और पेट में जलन की समस्या से राहत देता है। गुलकंद एक ही समय में आंतों को सुखदायक करते हुए पेट की परेशानी से राहत देता है।

LIVE TV