घाटी के युवक ने छोड़ा आतंक का रास्ता, अब इन सुविधाओं से होगा लैस
श्रीनगर। नवयुवक लड़कों का खिचांव किस तरह आतंक की तरफ बढ़ता जा रहा है। इसका नमूना आये दिन देखने और सुनने को मिल जाता है। इसी कड़ी में दक्षिण कश्मीर का नौजवान भी आतंक के दुनिया में जा पहुंचा था लेकिन आज माजिद इरशाद नाम के इस लड़के ने श्रीनगर में सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर कर दिया है। फुटबॉलर से आतंकी बने दक्षिण कश्मीर के माजिद इरशाद को सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने माफ कर दिया। यानी अब इस पर अब कोई केस नहीं चलेगा।
बता दें कि फुटबॉलर के तौर पर पहचान बना चुका माजिद अपने दोस्त की मौत के कारण लश्कर ज्वाइन कर लिया था। माजिद की मां रो-रो कर उसके वापस आने की दुआ कर रही थी।
दोस्त की वजह से बना आतंकी
माजिद का दोस्त यावर निसार जुलाई में एक आतंकवादी गुट से जुड़ गया था, जिसे एक महीने बाद ही पुलिस और सैनिक बलों ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद माजिद अपने दोस्त के मौत से इतना दुखी हुआ कि उसने भी आतंकवादी गुट में शामिल हो गया।
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बता दें आतंकवादी बनने के लिए गायब होने से पहले माजिद ने खुद को समाज से दूर कर लिया था। वो किसी से भी बात करना पसंद नहीं करता था।
घाटी में ऐसी घटनाओं के चलते में पिछले कुछ समय से सुरक्षाबलों ने एक अभियान चलाया है, जिसके तहत हाल ही में आतंकवादी गुटों में शामिल हुए नौजवानों को वापस लाने का काम किया जा रहा है।
बता दें सुरक्षाबलों ने माजिद को सरेंडर की पेशकश की थी, जिसे उसने मान लिया।
आतंका का रास्ता छोड़ने पर सरकार से मिलती है मदद
कश्मीर में जो गुमराह युवक आतंका का रास्ता छोड़कर लौटते हैं उन्हें सरकार की तरफ से मदद मिलती है। इसमें उस शख्स के नाम पर बैंक अकाउंट में डेढ़ लाख की एफडी की जाती है और अच्छे व्यवहार के बाद इस रकम को तीन साल बाद पूरी तरह निकाला जा सकता है। इसके अलावा सरेंडर के बाद तीन साल तक 2000 रुपए का स्टाइपन दिया जाता है।
मां का रो-रो कर था बुरा हाल
माजिद की मां उसके आतंकी बनने के बाद से बेहद दुखी थी और उसके जल्द से जल्द वापस लौटने के लिए रो-रो कर प्रार्थना कर रही थी। माजिद के आतंकी बनने के बाद उसके पिता को तो इस बात का अहसास भी नहीं था और माता-पिता मानो सदमे में चले गए हों।