असंभव हुआ संभव, दुनिया के दूसरे व्यक्ति ने दी AIDS को मात

लंदन। दुनिया में दूसरी बार किसी शख्स को AIDSसे बचाया गया है. यह शख्स लंदन का रहने वाला है, जिसे साल 2003 में HIV पॉजीटिव पाया गया था. साल 2012 तक इसे पूरी तरह से ठीक कर लिया गया. इससे पहले अमेरिका के एक शख्स को एड्स वायरस से मुक्ति मिली थी.

लंदन के इस शख्स को ठीक करने वाले डॉक्टरों की टीम में शामिल HIV बायोलॉजिस्ट और प्रोफेसर रविंद्र गुप्ता का कहना है कि इस शख्स को ठीक करने के लिए इसका बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया. इस ट्रांसप्लांट में जिस डोनर से ये बोन मैरो लिया गया उसका जेनेटिक मूटेशन ‘CCR5 delta 32’ था. ये जेनेटिक मूटेशन HIV से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.

इस ट्रांसप्लांट के बाद मरीज को 18 महीनों तक एंटीरेट्रोवाइरल दवा दी गईं और तीन सालों तक खास देखरेख में रखा गया.

आगे डॉ. रविंद्र ने कहा कि अभी तक इस शख्स में कोई HIV से जुड़ा वायरस नही पाया गया है. इसी वजह से यह माना जा रहा है कि यह व्यक्ति ठीक हो गया है, लेकिन आगे भी स्थिति सही बनी रहे, इस बात को कहना अभी ठीक नहीं.

डॉक्टरों की इस कामयाबी के बाद मरीज को “the London patient” (द लंदन पेशेंट) नाम दिया गया है. क्योंकि लंदन में यह ऐसा पहला शख्स है जो AIDS से ठीक हुआ. वहीं, इससे पहले साल 2007 में अमेरिका के एक शख्स को HIV से मुक्त किया गया था. वह दुनिया में AIDS से ठीक होने वाले पहले व्यक्ति बने.

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आपको बता दें, पूरी दुनिया में 3.7 करोड़ लोग HIV से पीड़ित हैं. हाल ही में हुई रिसर्च की मदद से ही इन दोनों मरीज़ों को ठीक करने में सफलता मिली है. इसी वजह से अब कहा जा सकता है कि भविष्य में HIV/AIDS जैसी जानलेवा बीमारी से मरीज़ों को बचाया जा सकता है.

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