श्रीलंका के संसद में राष्ट्रपति को निरंकुश करने वाला विधेयक हो सकता है पास, सोमवार को कैबिनेट में होगा पेश

भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका व्यापक आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। श्रीलंका सरकार आर्थिक हालात सुधारने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। इसी बीच श्रीलंका के न्याय मंत्री विजयदास राजपक्षे ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि संसद को कार्यकारी राष्ट्रपति से अधिक अधिकार देने वाले संविधान के 21वें संशोधन को मंजूरी के लिए कैबिनेट में सोमवार को पेश किया जाएगा।

संविधान में 21वें संशोधन से 20ए प्रावधान को रद्द किए जाने की संभावना है। बता दें कि यह प्रावधान संसद को मजबूत करने वाले 19वें संविधान संशोधन को समाप्त किए जाने के बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को निरंकुश शक्तियां प्रदान करता है।

श्रीलंकाई समाचार पोर्टल ‘लंका फर्स्ट’ के मुताबिक विजयदास राजपक्षे ने कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया के समर्थन से पिछले सप्ताह इस मामले पर विशेष चर्चा हुई थी और इसमें उनके अलावा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे और विदेश मंत्री जी एल पीरिस ने भी भाग लिया था।

पोर्टल के अनुसार, मंत्री ने कहा कि राजनीतिक दलों एवं अन्य विभिन्न दलों के प्रस्तावों समेत संविधान के 21वें संशोधन को मंजूरी के लिए सोमवार को कैबिनेट में पेश किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद संशोधन के मसौदे को राजपत्रित किया जाएगा। राजपक्षे ने कहा कि उन्हें संविधान में 21वें संशोधन पर अगले सप्ताह संसद में बयान दिए जाने की उम्मीद है।

विक्रमसिंघे ने पिछले सप्ताह संविधान के 21वें संशोधन की वकालत करते हुए कहा था कि इससे राष्ट्रपति की असीमित शक्तियों पर लगाम लगेगी तथा संसद की भूमिका और सुदृढ़ होगी जिससे कर्ज में डूबे देश को उबारने और आर्थिक संकट से निपटने में सहायता मिलेगी।

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