बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को हुआ स्वाइन फ्लू, जाने इससे बचने के उपाय

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्हें स्वाइन फ्लू होने की बात पता चली।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को हुआ स्वाइन फ्लू, जाने बचने के घरेलू उपाय

फिलहाल एम्स के सीनियर डॉक्टरों की देखरेख में अमित शाह का इलाज चल रहा है। पिछले कुछ सालों में स्वाइन फ्लू के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है।

हम आपको बता रहे हैं कि आखिर क्या है स्वाइन फ्लू, यह सामान्य फ्लू से कैसे अलग है और इस बीमारी से कैसे बच सकते हैं।

दरअसल, स्वाइन फ्लू का वायरस ठंड के मौसम में अधिक प्रभावी हो जाता है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ने लगती है, इसका असर कम पड़ने लगता है।

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ठंड और नमी के मौसम में स्वाइन फ्लू के वायरस सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जो इनफ्लुएंजा वायरस से होती है। यह वायरस एच1 एन1 के नाम से जाना जाता है।

जब आप खांसते या छींकते हैं तो हवा में या जमीन पर या जिस भी सतह पर थूक या मुंह और नाक से निकले द्रव कण गिरते हैं, वह वायरस की चपेट में आ जाता है।

यह कण हवा के द्वारा या किसी के छूने से दूसरे व्यक्ति के शरीर में मुंह या नाक के जरिए प्रवेश कर जाते हैं। मसलन, दरवाजे, फोन, कीबोर्ड या रिमोट कंट्रोल के जरिए भी यह वायरस फैल सकते हैं, अगर इन चीजों का इस्तेमाल किसी संक्रमित व्यक्ति ने किया हो।

– नाक का लगातार बहना, छींक आना, नाक जाम होना।

– मांसपेशियां में दर्द या अकड़न महसूस करना।

– सिर में भयानक दर्द।

– कफ और कोल्ड, लगातार खांसी आना।

– उनींदे रहना, बहुत ज्यादा थकान महसूस होना।

– बुखार होना, दवा खाने के बाद भी बुखार का लगातार बढ़ना।

– गले में खराश होना और इसका लगातार बढ़ते जाना।

सामान्य फ्लू और स्वाइन फ्लू के वायरस में एक फर्क होता है। स्वाइन फ्लू के वायरस में चिड़ियों, सूअरों और इंसानों में पाया जाने वाला जेनेटिक मटीरियल भी होता है। सामान्य फ्लू और स्वाइन फ्लू के लक्षण एक जैसे ही होते हैं, लेकिन स्वाइन फ्लू में यह देखा जाता है कि जुकाम बहुत तेज होता है।

नाक ज्यादा बहती है। पीसीआर टेस्ट के माध्यम से ही यह पता चलता है कि किसी को स्वाइन फ्लू है। स्वाइन फ्लू होने के पहले 48 घंटों के भीतर इलाज शुरू हो जाना चाहिए। पांच दिन का इलाज होता है, जिसमें मरीज को टेमीफ्लू दी जाती है।

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