मध्यप्रदेश बैठक के अंतिम दिन संघ ने लिया बड़ा फैसला, गांव के जरिए बदलेगा समाज की तस्वीर

सुरेश भैयाजी जोशीभोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के समापन मौके पर सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने शनिवार को कहा कि “संघ अब ग्रामीण इलाकों पर विशेष ध्यान देगा, क्योंकि वहां सामाजिक बदलाव बड़ी चुनौती है। फिर चाहे वह हिंदुत्व को लेकर हो या फिर सामाजिक संदर्भ के लिए, वहां के युवाओं का साथ लिया जाएगा।” राजधानी के शारदा विहार आवासीय विद्यालय परिसर में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए जोशी ने कहा, “देश की 60 फीसदी आबादी गांवों में बसती है और संघ की शाखाओं का प्रभाव भी गांवों में ज्यादा है। दो-तिहाई शाखाएं गांवों में लगती हैं, वहीं एक-तिहाई शहरों में लगती हैं।”

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उन्होंने कहा, “इस बार हमने तय किया है कि ग्रामीण इलाकों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा, क्योंकि वहां शाखा चलाने के साथ-साथ अन्य गतिविधियों पर ध्यान देने की भी आवश्यकता है। सामाजिक समरसता वहां बड़ी चुनौती है। वहां तरह-तरह का सामाजिक परिवर्तन चाहे वह हिंदुत्व को लेकर हो, सामाजिक प्रश्नों को लेकर, या आने वाली पीढ़ी को लेकर हो। इसके लिए गांवों में स्थायी तौर पर रहने वाले 30-35 वर्ष की आयु के लोगों की भूमिका बढ़ाने पर काम करने का विचार है।”

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उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए किए जा रहे कार्यो का ब्यौरा देते हुए बताया, “जैविक खेती को अपनाया जा रहा है, वह सही है या गलत उसकी समीक्षा का समय नहीं है। लेकिन किसान स्वावलंबी बनें, यह प्रयास करने चाहिए। किसानों की समस्याओं को देखकर उनसे बात करके ही सरकार नीतियां बनाएं, ऐसा संघ का अभिमत है।”

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