सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ अधिनियम के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई की , जाने क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने..
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 26 “सार्वभौमिक” है और “इस मायने में धर्मनिरपेक्ष है कि यह सभी पर लागू होता है।

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने बुधवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई की और कहा कि अनुच्छेद 26 वक्फ कानून के अधिनियमन पर रोक नहीं लगाता है। न्यायालय ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 26 “सार्वभौमिक” है और “इस मायने में धर्मनिरपेक्ष है कि यह सभी पर लागू होता है।
पीठ की यह टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों के संदर्भ में आई, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि वक्फ अधिनियम के कई प्रावधान अनुच्छेद 26 का उल्लंघन करते हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए सिब्बल ने कहा, “मैं मोटे तौर पर बता दूं कि चुनौती किस बारे में है। संसदीय कानून के माध्यम से जो करने की कोशिश की जा रही है, वह एक धर्म के आवश्यक और अभिन्न अंग में हस्तक्षेप करना है। मैं अनुच्छेद 26 का हवाला देता हूं और अधिनियम के कई प्रावधान अनुच्छेद 26 का उल्लंघन करते हैं।
अधिनियम की धाराओं को पढ़ते हुए सिब्बल ने तर्क दिया, “इस्लाम में उत्तराधिकार मृत्यु के बाद मिलता है, वे उससे पहले ही हस्तक्षेप कर रहे हैं। जवाब में सीजेआई खन्ना ने कहा, “लेकिन हिंदुओं में ऐसा होता है। इसलिए संसद ने मुसलमानों के लिए कानून बनाया है। अनुच्छेद 26 इस मामले में कानून बनाने पर रोक नहीं लगाएगा। अनुच्छेद 26 सार्वभौमिक है और यह इस मायने में धर्मनिरपेक्ष है कि यह सभी पर लागू होता है।