गोरखपुर से प्रयागराज जंक्शन जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस के सी-1 कोच पर रायबरेली के ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र में पथराव की घटना हुई। अराजक तत्वों ने ट्रेन पर पत्थर फेंके, जिससे कोच की खिड़की का शीशा टूट गया। एक पत्थर शीशे को तोड़कर कोच के अंदर गिरा, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई। गनीमत रही कि कोई यात्री गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ, हालांकि दो बच्चों को हल्की चोटें आईं।

रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और जीआरपी ने घटना की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की। प्रयागराज में RPF ने रेलवे एक्ट की धारा 153 के तहत अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। RPF इंस्पेक्टर आर.बी. सिंह और सब-इंस्पेक्टर संदीप यादव ने प्रयागराज पहुंचने पर प्रभावित कोच का निरीक्षण किया और यात्रियों से जानकारी जुटाई। उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल को अलर्ट जारी किया गया, और रायबरेली में पथराव की जगह पर RPF और जीआरपी की संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान चलाया। ट्रेन में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और स्थानीय सूत्रों की मदद से हमलावरों की पहचान की कोशिश जारी है।
प्रत्यक्षदर्शी यात्री शैलजा ने बताया कि वह अपने बच्चों के साथ सीट नंबर 25, 26, और 27 पर यात्रा कर रही थीं। तभी एक पत्थर तेजी से आया, जो शीशे को तोड़कर कोच में गिरा। उनके बच्चों को हल्की चोटें आईं, और कोच में अफरा-तफरी मच गई। यात्रियों ने घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे रेलवे और पुलिस में हड़कंप मच गया।
यह पहली बार नहीं है जब रायबरेली में वंदे भारत ट्रेन पर पथराव हुआ। इससे पहले 19 मार्च 2024 को भी बछरावां के नीमटीकर गांव के पास इस ट्रेन पर पत्थर फेंके गए थे, जिसमें कोच के शीशे पर दरारें आई थीं। रायबरेली में 22 मार्च 2024 को भी दो पथराव की घटनाओं की जांच के लिए गोरखपुर से सीसीटीवी फुटेज मंगाई गई थी। बार-बार होने वाली ऐसी घटनाओं ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे ट्रैक के आसपास बस्तियों में रहने वाले कुछ असामाजिक तत्व ऐसी हरकतें करते हैं। रेलवे ने पथराव रोकने के लिए जागरूकता अभियान और गश्त बढ़ाने की योजना बनाई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। रायबरेली पुलिस और रेलवे प्रशासन से जल्द हमलावरों की गिरफ्तारी की उम्मीद की जा रही है।