2022 मे कब है महाशिवरात्रि ? जानिए कैसे मिला निषादराज को शिव जी का वरदान

शिवरात्रि को लेकर बहुत सारी कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से एक कथा निषादराज से जुड़ी है, तो वहीं दूसरी कथा के अनुसार इस दिन माता पार्वती ने शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए घनघोर तपस्या की थी | जिसके बाद शिवजी के साथ माता पार्वती का विवाह हुआ था | इसीलिए महाशिवरात्रि को पवित्र माना जाता है |

Maha Shivratri Kab Hai: महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है | और इस बार ये पर्व 1 मार्च, 2022 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा | इस दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है और मान्यता है कि, महाशिवरात्रि की रात्रि में शिवजी का अभिषेक करने से जातक की हर मनोकामना पूरी होती है | महाशिवरात्रि को लेकर बहुत सारी कथाएं प्रचलित हैं | आइये जानते हैं निषादराज से जुड़ी महाशिवरात्रि की एक रोचक कथा…

हर हर महादेव

गरुड़ पुराण के अनुसार एक समय निषादराज अपने कुत्ते के साथ शिकार खेलने गए थे | काफी देर तक जंगल में घूमने के बाद भी उन्हें कोई शिकार नहीं मिला | और वे थककर भूख-प्यास से परेशान हो गए और एक तालाब के किनारे बिल्व वृक्ष के नीचे बैठ गए वहां पर एक शिवलिंग था | अपने शरीर को आराम देने के लिए निषादराज ने कुछ बिल्व-पत्र तोड़े, जो शिवलिंग पर भी गिर गए | और जब वे अपने पैरों को साफ करने के लिए उन्होंने उन पर तालाब का जल छिड़का, जिसकी कुछ बून्दें शिवलिंग पर भी जा गिरीं | ऐसा करते समय उनका एक तीर नीचे गिर गया, जिसे उठाने के लिए वे शिव लिंग के सामने नीचे को झुके | इस तरह शिवरात्रि के दिन शिव-पूजन की पूरी प्रक्रिया उन्होंने अनजाने में ही पूरी कर ली | और मृत्यु के बाद जब यमदूत उन्हें उन्हें लेने आए, तो शिव के गणों ने उनकी रक्षा की और उन्हें भगा दिया | मान्यता है कि, जब अज्ञानतावश महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की पूजा का इतना अद्भुत फल मिलता है, तो समझ-बूझ कर देवाधिदेव महादेव का पूजन कितना अधिक फलदायी होगा |

वहीं दूसरी कथा के अनुसार माता पार्वती ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए घनघोर तपस्या की थी | इसके फलस्वरूप फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था | यही कारण है कि, महाशिवरात्रि को अत्यन्त महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है |

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