दक्षिण अफ्रीका की सियासत में भूचाल, राष्ट्रपति जुमा ने दिया इस्तीफा

जोहान्सबर्ग: दक्षिण अफ्रीका में सियासत में भ्रष्टाचार और अनैतिक कारणों से उठापठक का दौर काफी समय से हावी था. अब नाटकीय घटनाक्रम के जरिये राष्ट्रपति जैकब जुमा ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है जिसके बाद से राजनीतिक गलियारे में चर्चा जोरों पर है कि आखिर इसके पीछे की असली वजह क्या हो सकती है.

जैकब जुमा

राष्ट्र के नाम दिए गए अपने 30 मिनट के संबोधन में 75 वर्षीयजैकब जुमा ने ने अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के रवैये से असहमति जताई और कहा कि दिसंबर में हुए चुनावों में सिरिल रमफोसा के पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने के लिए एएनसी ने गलत रुख अपनाया था. जिसके तुरंत बाद ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा देकर सबको चौंका दिया.

जुमा पर पिछले कुछ समय से अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) की ओर से पद छोड़ने का दबाव बढ़ता जा रहा था. इसी के साथ भ्रष्टाचार और घोटालों को लेकर विवादों में रहे जुमा के 9 वर्षीय शासन का अंत हो गया जबकि सत्ताधारी पार्टी का कहना था कि गुरुवार को होने वाली बैठक में वोटिंग के जरिए जुमा को राष्ट्रपति पद से वैसे भी हटा दिया जाता.

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बता दें कि अफ्रीका की गुप्ता फैमिली के आलीशान घर पर पुलिस का छापा पड़ने के चंद घंटों के बाद ही जुमा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

भारतीय मूल की गुप्ता परिवार से जुमा की करीबी हमेशा विवादों को जन्म देती रही जिसको लेकर सड़क से लेकर संसद तक उनपर आरोपों का दौर गर्म रहा.

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से 1990 के दशक में तीन भाई अजय, अतुल और राजेश गुप्ता दक्ष‍िण अफ्रीका पहुंचे थे.

कुछ सालों में ही यह परिवार दक्षिण अफ्रीका का बड़ा कारोबारी बन गया और जुमा के कार्यकाल में तो इस परिवार पर सरकार चलाने तक का आरोप है.

आज जोहानिसबर्ग के सहारा एस्टेट में इस परिवार के चार मैन्सन हैं. गुप्ता परिवार की सफलता लोगों को हैरान करती है.

आरोप लगते रहे कि जुमा से करीबी की वजह से ही गुप्ता परिवार इतनी तेजी से आगे बढ़ पाया. उसने अपने मन मुताबिक कानून और मंत्री बनवाए हालांकि जुमा और गुप्ता परिवार किसी भी तरह की अनियमितता से इंकार करता रहा है.

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