अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद इतने कश्मीरी प्रवासी वापस लौटे

जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद से कुल 520 प्रवासी प्रधानमंत्री के साल 2015 के विकास पैकेज के तहत नौकरियां पाने के लिए घाटी में लौट आए हैं। केंद्र सरकार ने संसद में एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि लोकसभा की अधीनस्थ विधान संबंधी समिति ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) के तहत नियम बनाने के लिए समय अवधि को 9 अक्तूबर तक बढ़ा दिया है।

नित्यानंद राय

दरअसल गृह मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या सरकार ने उन हिंदुओं से ऐसे अनुरोध प्राप्त करने के लिए कोई प्राधिकरण नियुक्त किया है जो अपनी चल और अचल संपत्ति वापस पाने के लिए जम्मू-कश्मीर लौट आए हैं। गृह राज्य मंत्री ने जवाब में बताया प्रवासी ऐसे में मामलों में जिलाधिकारी से अनुरोध कर सकते हैं।

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म हुए अब दो साल बीत चुके हैं। केंद्र सरकार ने जब 5 अगस्त 2019 को राज्य से 370 को खत्म कर इसे दो भागों में विभाजित करके केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था तो उम्मीद जताई गई थी कि इससे घाटी में आतंकवाद के चलते अपना घर-बार छोड़कर अपने ही देश में शरणार्थी बन चुके लोगों की वापसी की राह आसान होगी। उस समय मोदी सरकार ने ये भी कहा था कि वह घाटी में आतंक के चलते पलायन करने वाले लोगों की वापसी को लेकर भी सक्रियता से काम करेगी। अब जब दो साल गुजर गए हैं तो कितने शरणार्थी जम्मू-कश्मीर में वापस लौटे हैं इस बारे केंद्र सरकार ने सदन को जानकारी दी है।

यह भी पढे: Jammu Kashmir: कठुआ सेक्टर में बीएसएफ ने की टेरर सुरंग की खुलासा, पाक साज़िश की खुली पोल

LIVE TV