संन्यास के बाद यूरोपियन क्लबों में खेल सकते हैं सरदार

नई दिल्ली। हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लेने वाले दिग्गज भारतीय खिलाड़ी सरदार सिंह आने वाले कल में यूरोपियन क्लबों में हॉकी स्टिक थामे दिख सकते हैं। इसके अलावा यह पूर्व कप्तान कोचिंग में भी अपनी किस्मत आजमा सकता है। सरदार ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में संवाददाता सम्मेलन में यह बात स्वीकार की।

सरदार

सरदार ने विश्व कप शुरू होने से तकरीबन डेढ़ महीने पहले अचानक संन्यास लेकर भारतीय हॉकी में खलबली मजा दी थी। अपने संन्यास की वजह पूछने पर इस मिडफील्डर ने कहा कि एशियाई खेलों के प्रदर्शन से उन्हें निराशा हुई थी और इसी वजह से उन्होंने संन्यास लिया।

सरदार ने संन्यास का फैसला हॉकी विश्व कप के लिए चुनी गई टीम में नाम न आने के बाद लिया था। ऐसे में कई सवाल उठ रहे थे कि सरदार ने टीम ने चुन न जाने के बाद संन्यास लिया है। इस पर सरदार ने कहा, “यह सवाल उठ रहा है कि मैं कैम्प में नहीं था इसलिए संन्यास लिया, लेकिन नहीं। मेरा पहले जो प्लान था वह 2020 में ओलम्पिक में खेलने के बाद संन्यास लेने का था।

एशियाई खेलों में जाने से पहले कहा था कि स्वर्ण जीतना है, लेकिन उस हार के बाद सारा मूड बदल गया। ऐसे हारने के बाद आपको नींद नहीं आती। मैंने अपने परिवार वालों से, प्रशिक्षकों के साथ, सीनियर खिलाड़ियों के साथ मिलकर यह फैसला लिया।”

सरदार ने कहा कि उनके बीते 10-12 साल काफी अच्छे रहे और इस दौरान उन्हें कई यादगार यादें मिलीं।

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बकौल सरदार, “संन्यास के बाद काफी चीजें बदलेंगी। पहले रहता था कि मैच के लिए तैयारी करनी है, अभ्यास पर जाना है, अब वो सब नहीं रहेगा। बीते 10-12 वर्षो में जो जिंदगी थी वो मुझे लगता है कि मेरा सर्वश्रेष्ठ समय था। सारी चीजें इस दौरान देखीं। जब इस सब के बारे में गहराई से सोचता हूं तो दिल करता है कि देश के लिए और खेलूं, लेकिन हर चीज का अपना एक समय होता है।”

अपने भविष्य के बारे में सरदार ने हंसते हुए कहा, “हॉकी के बिना कुछ भी नहीं आता। अभी देखते हैं कुछ काम। अभी बाहर कुछ क्लब हैं उनसे टाइअप हैं और यूरोप के जो सर्वश्रेष्ठ क्लब हैं उनसे मैं खेलूंगा दो-तीन साल साथ में कोचिंग का भी देखूंगा।”

सरदार को भारत के सर्वश्रेष्ठ मिडफील्डरों में से एक माना जाता है। उनसे जब पूछा गया कि उनके बाद कौन उनका स्थान ले सकता है तो सरदार ने कहा, “मिडफील्ड में काफी लड़के अच्छा कर रहे हैं। मनप्रीत काफी अच्छा खेल रहा है। वह मेहनत करेगा तो और आगे जा सकता है। चिंगलेसाना भी है। इन सभी को मेहनत करनी होगी। अपने आप को फिट रखना होगा।”

टीम में सरदारा को नाम से मशहूर इस खिलाड़ी ने कहा वह जब परेशान होते थे तो क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन से बात करते थे।

सरदार के मुताबिक, “मैं जब दबाव में होता था तो सचिन पाजी को फोन करता था। उन्होंने मेरी काफी मदद की। वह मेरी क्लास लेते थे। वह कभी फोन नहीं रखते थे। मुझे समझाते थे कि कैसे आलोचकों और आलोचनाओं से निपटना है। वह हमेशा अपने खेल पर ही ध्यान लगाने की कहते थे।उनके अलावा धनराज पिल्लाई ने भी मेरा काफी साथ दिया।”

इस पूर्व कप्तान के नाम को लेकर कई लोगों को काफी कन्फ्यूजन रहता है। कोई उन्हें सरदार तो कोई सरदारा बुलाता है। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने हंसते हुए कहा, “नाम तो मेरा सरदार सिंह ही है, बाकी लोग प्यार से सरदारा कहते हैं। कोच हरेंद्र सिंह भी सरदारा बुलाते हैं।”

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