कीव के नजदीक पहुंची रूसी सेना,मेलिटोपोल के मेयर इवान का हुआ अपहरण

दिलीप कुमार

रूस और यूक्रेन बीच पिछले 14 दिनों से संघर्ष जारी है। दोनों देशों के बीच युद्ध थमने की कोई गुंजाइस नहीं दिख रही है। रूस के इस हमले के बाद से युरोप और अमेरिका के कई देशों ने रूप रूस पर कड़े प्रतिबंधो का अंबार लगा दिया है।

उसके बावजूद भी रूस के आक्रमक तेवर पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। इन दिनों अमेरिका रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए अन्य कई प्रतिबंध लगाने के लिए सोच रहा है। रूस पर अब तक दुनिया की मानी जानी कंपनियों ने भी रूस के साथ हुए हर डील को रोक दी हैं।
यूक्रेन से मिली ताजा ख़बरों के मुताबिक रूसी सेना राजधानी कीव के नजदीक पहुंच गई है।

सुबह सुबह यूक्रेन की राजधानी कीव में कई धमाकों की आवाज सुनी गई। कीव प्रशासन ने बताया कि शहर का उत्तरी इलाका सबसे खतरनाक माना जा रहा है। यूक्रेन की एक संसद ने ट्वीट करते हुए कहा कि मेलिटोपोल के मेयर इवान फेडोरोव का अपहरण कर लिया गया। इस अपहरण की घटना की जानकारी यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी एक वीडियो जारी कर बताया कि फेडोरोव ने रूसी सेना को शहर पर कब्जा करने से मना कर दिया था, जिसके बाद रूसी सेना ने उन्हें सिटी क्राइसिस सेंटर में हिरासत में ले लिया गया है।

उधर अमेरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड ने जानकारी देते हुए बताया कि वाणिज्य विभाग ने रूस और बेलारूस को यूएस लग्जरी के सामानों के निर्यात पर रोक लगा दिया गया है। नेड के मुताबिक रूसी शराब, समुद्री भोजन और गैर- औद्योगिक हीरों के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने यूक्रेन को आश्वासन देते हुए कहा कि हम यूक्रेन के साथ खड़े होने के लिए प्रतबद्ध और एकजुट हैं। हमारे ओर से लगाए गए प्रतिबंध रूस पर तब तक लगा रहेगा जब तक पुतिन अपना रास्ता नहीं बदलते और अपनी क्रूर आक्रमकता में नरमी नहीं लाते हैं।

आपको बता दें कि रूस पर कई प्रतिबंध लगने के बाद रूस की आर्थिक स्थिति चरमराने का खबर सामने आ रही है। जर्मनी की जानी मानी ड्यूश बैंक ने भी रूस में अपना संचालन बंद कर दिया है। ड्यूश बैंक ने कहा कि वह यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण के विरोध में रूस में अपने परिचालन को बंद करने के लिए अन्य अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों का अनुसरण कर रहा है। इससे पहले भी रूस में दुनिया भर की 300 से ज्यादा नामचीन कंपनियों ने अपना काम समेट लिया है।

यूरोपियन यूनियन के विदेश नीति के प्रमुख ने बताया कि विश्व शक्तियों के साथ ईरान के परमाणु समझौते को लेकर चल रही बातचीत को कुछ समय के लिए रोकने की जरूरत है। उन्होंने इस देरी के लिए बाहरी कारकों को जिम्मेदार ठहराया है। अमेरिका और अन्य विश्व शक्तियों के बीच 2015 में ईरान ने एक समझौता किया था, जिसके तहत उसने अपना परमाणु कार्यक्रम को सीमित किया था।

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