रसिया ने चर्नोबिल शहर पर किया कब्जा, जानें क्यों कहा जाता है इसे मुर्दा शहर ?

दिलीप कुमार

रसिया का आक्रमण यूक्रेन पर भारी पड़ते दिखाई दे रहा है। रसिया हर घंटे यूक्रेन पर हाबी होता दिखाई दे रहा है। अभी ताजा ख़बरों के मुताबिक यूक्रेन का चर्नोबिल परमाणु संयत्र चर्चा में आ गया। 26 अप्रैल 1986 में को चर्नोबिल संयत्र में एक भयानक हादसा हुआ था। उस हादसे में परमाणु संयत्र पूरी तरह से तबाह हो गया था। यह घटना उस समय घटा था जब रूस को सोवियत संघ के नाम से जाना जाता था। समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक यूक्रेन की न्यूक्लियर एजेंसी ने पाया कि अब इस साइट पर रेडिएशन लेवल बढ़ रहा है।

एक वक्त था जब यहां करीब 50 हजार आबादी रहती थी। हादसे के डेढ़ दिन बाद, लोगों को यहां से निकलने का आदेश दिया गया। लोगों से कहा गया कि वे केवल कुछ दिनों के लिए यहां से चले जाएं, लेकिन लोग यहां अपना सब कुछ पीछे छोड़ते हुए कभी नहीं लौटे।
इस दुर्घटना के समय परमाणु रिएक्टर में एक स्टीम टर्बाइन में टेस्टिंग चल रही थी। तभी इसमें गड़बड़ी आ गई। कई कोशिशों के बाद भी इंजीनियर और वैज्ञानिक इसको सही नहीं कर सके। हालांकि इसके बाद भी टेस्टिंग को तत्‍काल नहीं रोका गया और इसको जारी रहने दिया गया। जब टेस्टिंग खत्‍म हो गई तो इस संयंत्र को बंद करने का फैसला लिया गया। लेकिन वो ऐसा नहीं कर सके और एक अनियंत्रित परमाणु श्रृंखला अभिक्रिया की शुरु हो गई। इसकी वजह से जरूरत से अधिक एनर्जी वहां पर रिलीज होती रही।

रूस का दावा है उसने यूक्रेन के 70 सैन्य ठिकाने ध्वस्त कर दिए हैं और 50 सैनिकों को मार गिराए हैं। रूस के मुताबिक उसने कीव का सैन्य एयरबेस और चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट भी अब अपने कब्जे में ले लिया है। यह जगह यूक्रेन की राजधानी कीव से 108 किलोमीटर दूर है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दिमीर जेलेंस्की के सलाहकार मिखाइलो पोडोल्याक ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यह कहना संभव नहीं कि रूसी हमले के बाद चेर्नोबिल प्लांट सुरक्षित है। उन्होंने इसे यूरोप के लिए ये सबसे बड़े खतरों में से एक बताया।
हालांकि मॉस्को ने अब तक इस प्लांट को लेकर अपने इरादों पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। लेकिन एक रूसी सुरक्षा सूत्र ने न्यूज एजेंसी को बताया कि रूस चेर्नोबिल न्यूक्लियर रिएक्टर को नियंत्रित करना चाहता है ताकि नाटो को सैन्य हस्तक्षेप न करने का संकेत दिया जा सके।

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