एक रुपये के ‘छोटे सिक्के’ को भिखारियों ने बताया ‘खोटा’, ये है बड़ी वजह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इन दिनों एक रुपये के छोटे सिक्के नकली होने की अफवाह इस कदर फैल गई है कि दुकानदार हो या सब्जीवाला, रिक्शावाला हो या भिखारी कोई भी इसको लेने के लिए तैयार नहीं है। सिक्कों के नकली होने की अफवाह से राज्य के लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पहले दस रुपये के सिक्के को नकली बताकर दूकानदारों ने लेना बंद कर दिया था। कुछ दिनों पहले तक सौ रुपये में मौजूद सफेद तार वाले नोट को नकली बताया जाता रहा।
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अब बाजारों में एक रुपये के छोटे सिक्के को नकली बताया जा रहा है। जिससे दूकानदार उसे लेने से इंकार कर रहे है। इससे फुटकर की समस्या खड़ी हो गई है।
वहीँ एक रुपये के सिक्के के आकार से नाखुश यूपी के रामपुर के भिखारियों के एक समूह ने तय किया है कि वह भीख में एक रुपये का सिक्का नहीं लेंगे।
भिखारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किया था, अब लोग एक रुपये के सिक्के को चलन से बाहर कर रहे हैं, क्योंकि इसका आकार 50 पैसे के सिक्के जैसा है। उनका कहना है कि दुकानदार और रिक्शा वाले भी सिक्के का आकार छोटा होने के कारण उनसे यह सिक्का नहीं लेते हैं।
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वहीँ बैंक अधिकारियों का कहना है कि एक रुपये का कोई सिक्का नकली नहीं हैं। यदि कोई उसे नहीं ले रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। उनका कहना है कि एक रुपये के छोटे सिक्के आरबीआई की तरफ से जारी किए गए हैं और बाजारों में इसका चलन बरकरार है।
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