रोहिंग्या मुसलमानों की दर्द की दास्तां, बोले- ‘हम फुटबॉल जैसे… हर जगह से खा रहे लात’
नई दिल्ली। बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में पहुंच रहे रोहिंग्या मुसलमानों की मानसिक स्थिति आज क्या है और वे अपने भविष्य के बारे में वे क्या सोचते हैं? इस सवाल का जवाब बेहद दुखद और कड़वा है। उनके अनुसार वो अब एक फुटबाल जैसे हो गए हैं, जिसको हर जगह से लात मारी जा रही है।
दरअसल म्यांमार में हिंसा जारी होने की वजह से रोहिंग्या मुसलमान अपना घर छोड़ने को मजबूर हैं। लगभग डेढ़ लाख रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश पहुंच चुके हैं। वहीं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का कहना है कि रोहिंग्या मुसलमानों को वापस लेने के लिए वे म्यांमार पर दबाव डालेंगी।
दुनिया भर में रोहिंग्या संकट पर चिंता
पिछले एक हफ़्ते में बांग्लादेश की तरफ पलायन बढ़ा है, शरणार्थियों की संख्या बढ़कर करीब डेढ़ लाख से ज्यादा हो चुकी है। शरणार्थी शिविरों में लगातार नए कैम्प बन रहे हैं। इन कैम्प को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे मशरूम धरती से निकल रहे हों।
कैम्प में रह रहे शरणार्थियों के सामने सबसे बड़ा संकट उनकी पहचान का है। जब शरणार्थियों से पूछा गया कि आखिर वे कौन हैं? तो इस सवाल का वे कोई जवाब नहीं दे सके और अपने वजूद के बारे में सोचने लगे। एक शरणार्थी ने बताया कि वह किसी फुटबॉल की तरह हैं, जिसे एक तरफ से दूसरी तरफ सिर्फ लात मारी जा रही है।
बच्चे के दर्द भरे बोल
एक बच्चे ने कहा, ”हां हमारे बहुत कम दोस्त हैं, मैने अपने पिता को अपनी आंखों के सामने मरते हुए देखा, परिवार के लोगों को अपने सामने मरते हुए देखा, 10 दिन बाद जब इस शरणार्थी कैम्प में पहुंचा तो यहां कोई अपना जानने वाला नही था, यहां मेरा कोई दोस्त नहीं है। मुझे तो लगता है कि पूरी दुनिया में मेरा कोई दोस्त है।”
अपने वजूद की तलाश में दरबदर भटक रहे रोहिंग्या मुसलमान बेहद परेशान हैं। एक महिला ने बताया, ”एक वक्त होता था जब हम बहुत गर्व से कहते थे कि हम रोहिंग्या मुसलमान हैं। लेकिन हम अपनी पहचान खोते जा रहे हैं, आज हमें लगता ही नहीं कि हमारा वजूद है भी या नहीं।”