जानिए… घर में स्टोर रूम बनवाने की सही दिशा, जीवन होगा खुशहाल

घर में स्टोर रूमपुराने जमाने में भवन में पूरे साल के लिए अनाज संग्रह किया जाता था। उसके लिए अलग कक्ष होता था। किन्तु आज के समय में जगह की कमी के कारण रसोई घर में ही भण्डारण की व्यवस्था कर ली जाती है। वास्तु के अनुसार रसोई घर में अनाज का भण्डारण ईशान व आग्नेय कोण के मध्य पूर्वी दीवार के सहारे होना चाहिए। घर के ईशान व आग्नेय कोण के मध्य पूर्व में स्टोर रूम का निर्माण करना वास्तु के अनुसार श्रेष्ठ माना गया हें। हर घर में स्टोर रूम यानि भंडार गृह एक जरूरी स्थान होता है। आपके घर में स्टोर रूम कहां पर हो और किस स्थान पर हो और किससे घर में रहने वालों की आर्थिक मानसिक एवं शारीरिक स्थिति क्या हो सकती है। आइए जानते हैं वास्तु उपाय:-

  1. पूर्व दिशा: पूर्व दिशा में अगर स्टोर रूम हो, तो उस घर के मुखिया को अपनी आजीविका के लिए ज्यादा यात्रा करनी पड़ती है। वह अक्षर घर के बाहर ही दिखाई पड़ता है।
  2. आग्नेय कोण यानि दक्षिण पूर्व: आग्नेय कोण में अगर स्टोर रूम हो तो घर के मुखिया की आमदनी घर के खर्च के बराबर नहीं हो पाती। अभिप्राय यह है कि घर में खर्चा बढ़ जाता है। खानपान की वस्तुएं ज्यादा महंगी और कीमती आने लगती हैं, उस अनुपात में घर में काम करने वालों की आमदनी नहीं बढ़ पाती।
  3. दक्षिण में अगर स्टोर रूम हो, तो इस दिशा में घर का वातावरण कुछ गलमफहमी और आपसी मतभेद से भरा हुआ होता है। अगर खाने-पीने का सामान स्टोर रूम में रखा जाए तो भाईयों या पति-पत्नी अथवा घर के वरिष्ठ एवं छोटे सदस्यों के बीच में कलहबाजी होती रहती है।
  4. नैर्ऋत्य यानी दक्षिण पश्चिम में स्टोर रूम बनाकर आनाज जमा किया जाए तो अनाज पर जल्दी ही कीड़े लगने लगते हैं। भोजन भी ज्यादा पौष्टिक नहीं रहता। घर का मुखिया कितना ही कमाए, कम ही पड़ता है। घर के बुजुर्ग शीत रोग और गैस रोग से ग्रस्त रहते हैं। आए दिन दवा दारू का खर्च बढ़ जाता है।
  5. पश्चिम दिशा में अगर स्टोर रूम हो और यहां पर खाद्यान का संग्रह किया जाए तो घर के बच्चे यात्रा से संबंधित कार्यक्षेत्र में या व्यापारिक सौदों से लाभ पाते हैं। घर का मुखिया बुद्धिमान होता है, किन्तु घर का मुखिया दुर्घटनावश अपनी पत्नी के होते हुए भी किसी अन्य स्त्री के आकर्षण में फंस जाता है। दिखने में वह आदमी अनभिज्ञ और अज्ञानी नजर आता है, पर वस्तुतः वह ज्यादा यात्रा करने के कारण बहुत बुद्धिमान और सफल होता है।
  6. वायत्य यानि उत्तर पश्चिम: यहां अनाज का भंडारण किया जाए तो यह दिशा बहुत ही शुभ होती है। यदि स्टोर रूम में ही पूजा का स्थान हो, तो बहुत ही शुभ होता है। वहां रहने वाला परिवार आर्थिक रूप से सम्पन्न होकर मान-सम्मान प्राप्त करता है। ऐसे घर का मुखिया यात्रा का शौकीन होता है, किन्तु मन में अशांति रहती है और किसी स्त्री के साथ संबंधों के कारण बदनामी भी होती है।
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