श्रीराम चरितमानस की इस चौपाई में छिपा है सारे दुःख दूर करने का रहस्य

मनुष्य का जीवन सुख और दुख का सार है। कभी कुछ परेशानियां थोड़े समय के लिए आती है तो कुछ परेशानियां लम्बे समय तक आपका पीछा नहीं छोड़ती है। ऐसी परेशानियों का हल केवल भगवान के पास ही है। तुलसीदासजी द्वारा लिखी गई श्रीराम चरितमानस में ऐसी अनेक चौंपाइयां हैं जिनके जाप से आप अनेक संकटों से बच सकते हैं।  आज हम आपको 1 ऐसी ही चौपाई के बारे में बता रहे हैं। इस चौपाई का जाप अगर पूरे विधि-विधान से किया जाए तो बड़ी से बड़ी मुश्किल का हल भी संभव है। ये है श्रीरामचरित मानस की वो चौपाई…

 

श्रीरामचरित्र मानस

चौपाई

जो प्रभु दीनदयाला कहावा। आरति हरन बेद जस गाबा।।

जपहिं नामु जन आरत भारी। मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी।।

दीनदयाल बिरद संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।।

चौपाई का जाप का तरीका-

रोज सुबह जल्दी उठ कर स्नान करके साफ कपड़े पहनें। इसके बाद एक लाल कपड़े पर भगवान श्रीराम की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

भगवान श्रीराम के चित्र पर तिलक लगाएं और चावल अर्पित करें। इसके बाद शुद्ध घी का दीपक जलाएं। घ्यान रखएं कि दीपक जाप के अंत तक जलता रहें। भगवान श्रीराम को भोग भी अर्पित करें।

भगवान श्रीराम की पूजा के बाद तुलसी की माला से इस चौपाई का सच्चे मन से जाप करें।

प्रतिदिन कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें। कुछ ही दिनों में इस चौपाई का प्रभाव दिखने लगेगा और आपके संकट दूर होते चले जाएंगे।

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