
रिपोर्ट- सैय्यद रज़ा
इलाहाबाद। इलाहाबाद जंक्शन के सिटी साइड में पिछले 15 साल से खड़े इंजन में रेलवे एक बार फिर से जान फूंकने जा रहा है। इस इंजन से अब धुंआ भी निकलेगा और सिटी भी बजेगी। इसकी छुक-छुक आवाज भी यात्री अब सुन सकेंगे। इसके लिए लोगों को कुंभ मेले तक इंतजार करना होगा। रेलवे ने तय किया कि इस इंजन को स्टार्ट किया जाए। यह इंजन रेल पटरियों पर दौड़ेगा या नही इसका फैसला तो नही लिया गया है लेकिन इस इंजन को फिर से चलाने की बात चल रही है।
रेलवे की मंशा है कि 65 साल पुराने इंजन के इतिहास से आज की पीढ़ी रूबरू हो सके। कुंभ में आने वाले सैलानी एवं तीर्थयात्रियों के बीच भी इसे आकर्षण का केंद्र बनाने की रेलवे ने तैयारी की है। जंक्शन के सिटी साइड में बाहर की तरफ स्टीम इंजन (लोकोमोटिव 72 बी) 1 अप्रैल 2003 से खड़ा हुआ है। इसी दिन उत्तर मध्य रेलवे जोन भी अस्तित्व में आया था। कुंभ मेले के मद्देनजर रेलवे ने इसका स्थान परिवर्तन करने की तैयारी की है। क्योंकि जिस स्थान पर यह इंजन खड़ा है वहां काफी गंदगी रहती है। इसे अब मुख्य पोट्रीको की और स्थापित करने की तैयारी की गई है।
रेलवे की तैयारी है कि कुंभ के दौरान इंजन का कुछ अलग तरह से प्रदर्शन किया जाए। इंजन को तकनीकी रूप से कुछ इस तरह से स्थापित किया जाएगा कि वह एक स्थान से कुछ ही दूरी तक चल सके और आने वाले कुंभ में पर्यटक इस का लुफ्त ले सके साथ ही उसे LED लाइट से भी सुसज्जित किया जाएगा। होने वाले कुंभ को देखते हुए सभी विभागों ने कमर कस ली हैं। वही योगी सरकार भी इस कुंभ को बेहतररूप से सफल बनाने के लिए लगातार प्रयास में जुटी हुई हैं।
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बता दें की स्टीम इंजन का निर्माण 1953 में डब्ल्यूबी वैगनाल लिमिटेड ने किया था। यह इंजन तब नैरो गेज लाइन पर गुजरात के गोधरा पश्चिम रेलवे में चलता था। 25 फरवरी 1993 में यह इंजन भारतीय रेल सेवा से बाहर कर दिया गया था। कुंभ के दौरान इस भाप के इंजन को फिर से संचालित किया जाएगा इसकी भनक लगते ही लोग अभी से ही इसका दीदार करने के लिए इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पहुंच रहे हैं।