
भारत के बेटी भविष्यवेत्ता पुपुल बिष्ट (29 वर्षीय) संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76 वें सत्र में सतत विकास के लक्षयों के तहत ‘न्याय, समानता और विश्वास के लिए प्रभावशाली तथा समावेशी संस्थान’विषय पर पैनल चर्चा में हिस्सा लेंगी। इसके जरिए वह भारत के अतीत और भविष्य की दुनिया की तस्वीर को बयां करेंगी। वहीं, पुपुल के संयुक्त राष्ट्र के बुलावे की चर्चा अभी से होने लगी है। लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं। साथ उन्हें गौरव की अनुभूति करवा रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा बुलाये गये इस विशेष सत्र में हिस्सा लेने के लिए उत्साहित पुपुल का कहना है कि इस महत्वपूर्ण चर्चा में हिस्सा लेना उनके लिए गौरव की बात है। वर्ष 2020 का दशक 2030 के सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को तुरंत तथा प्रभावशाली ढंग से इन पर काम करना होगा। हमें यह बात माननी चाहिए कि सभी के भविष्य की कल्पना व्यवस्था में बैठे कुछ लोगों द्वारा नहीं की जा सकती । यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जिस पैमाने पर बदलाव हो रहे हैं उनसे कोई पीछे न छूट जाये। यह सीमाओं से आगे जाकर मिलकर और तालमेल से काम करने का मौका है जिससे कि हम अपनी मौजूदा तथा भविष्य की पीढियों के लिए समावेशी दुनिया का निर्माण कर सकें।
गौरतलब है कि पुपुल इस विशेष सत्र में वह 30 सदस्य देशों के विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त सामाजिक नेताओं के साथ अपने विचार साझा करेंगी। जिसमें विभिन्न निजी और अंतर्राष्ट्रीय साझीदार भी हिस्सा ले रहे हैं। यह सत्र संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस के प्रारंभिक वक्तव्य के बाद शुरू होगा। इसमें बिल गेट्स फाउंडेशन की मिलिंदा गेट्स, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक , नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई , अफ्रीका के लिए संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक आयोग के कार्यकारी सचिव डा वेरा सोंगवे , संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के प्रशासक अचीम स्टेनर और तीस से चालीस देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल होंगे।