राष्ट्रपति ने किए रामलला के दर्शन, मंदिर निर्माण का लिया जायजा

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द अपने चार दिवसीय दौरे पर यूपी आए हैं। वहीं दौरे के आखिरी दिन वह रामनगरी अयोध्या में हैं। वह हनुमागढ़ी में दर्शन पूजन के बाद श्रीराम जन्मभूमि परिसर पहुंचे। वहां उन्होंने रामलला के दर्शन किए। वैदिक मंत्रों के बीच उन्होंने पत्नी सविता कोविन्द के साथ रामलला की आरती उतारी। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ व दोनों डिप्टी सीएम भी मौजूद रहे। रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने पूजा-अर्चना करवाई। राष्ट्रपति ने राम मंदिर का निर्माण कार्य भी देखा। इसी के साथ ही उन्होंने राममंदिर परिसर में वृक्षारोपण किया।

बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इससे पहले रामकथा पार्क का उद्घाटन किया था। जहां कार्यक्रम को संबोधित कर उन्होंने कहा था कि आप सब के बीच अयोध्या में इस रामकथा पार्क में आकर मुझे प्रसन्नता हो रही है।

हम सब रामकथा के महत्व के बारे में जानते हैं। यह कहा जा सकता है कि भारतीय जीवन मूल्यों के आर्दश और उपदेश रामायण में समाहित है। उन्होंने कहा था कि राम के बिना अयोध्या, अयोध्या है ही नहीं। अयोध्या तो वहीं है जहां राम है। इस नगरी में प्रभु राम हमेशा के लिए विराजमान है इसलिए यह स्थान सही अर्थों में अयोध्या है। अयोध्या का शाब्दिक अर्थ है कि जिसके साथ युद्ध करना असंभव हो।

राष्ट्रपति ने कहा, मैं तो समझता हूं कि मेरे परिवार में जब मेरे माता-पिता और बुजुर्गों ने मेरा नाम-करण किया होगा तब उन सब में भी संभवतः रामकथा और प्रभु राम के प्रति वही श्रद्धा और अनुराग का भाव रहा होगा जो सामान्य लोकमानस में देखा जाता है। रामायण में राम-भक्त शबरी का प्रसंग सामाजिक समरसता का अनुपम संदेश देता है। महान तपस्वी मतंग मुनि की शिष्या शबरी और प्रभु राम का मिलन, एक भेद-भाव-मुक्त समाज व प्रेम की दिव्यता का अद्भुत उदाहरण है।

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