‘संसद से पंचायत’ तक का चुनाव साथ कराने पर राजनीतिक सहमति जरूरी : उपराष्ट्रपति

संसदपणजी उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को ‘संसद से पंचायत’ तक का चुनाव एक साथ कराने के लिए राजनीतिक सहमति बनाने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने देश की सबसे बड़ी विधायिका के सदस्यों से सभ्यता बनाए रखने आग्रह किया। इंडिया आईडिया कॉन्क्लेव में पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि यहां आतंक से धर्म को अलग करने की जरूरत है।

नायडू ने कहा, “संसद से पंचायत तक सभी स्तरों पर एकसाथ चुनाव होने चाहिए। सब कुछ एक महीने में समाप्त हो जाना चाहिए। लेकिन उसके लिए आपको राजनीतिक सहमति की जरूरत है।”

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उन्होंने कहा, “और मुझे यह भी लगता है कि यहां चुनाव साथ कराने की आवश्यकता है। इस सरकार या उस सरकार के लिए नहीं, क्योंकि यह एक नियमित गतिविधि बन गई है। राजनीतिक दलों के तीन सूत्री कार्यक्रम हैं। चुनाव, चयन, संकलन। अब पहले चरण का चुनाव समाप्त हो गया, तो दूसरे चरण की बारी आ गई, कहीं दूसरे राज्यों में चुनाव शुरू हो गए। एक के बाद दूसरे राज्यों में। ऐसे में राजनेता के दिमाग में विकास के बारे में क्या प्रयोग करें, इसकी गुंजाइश कम ही बचती है।”

संसद में शिष्टाचार बनाए रखने के बारे में उपराष्ट्रपति ने कहा कि सदस्यों को 1997 में भारत की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित विशेष सत्र के दौरान उनके पूर्ववर्तियों द्वारा ली गई शपथ को याद रखना चाहिए।

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उन्होंने कहा, “मेरी उनसे (संसद सदस्यों) यही अपील है कि कृपया इसे ध्यान रखें। हम एक परिपक्व लोकतंत्र का हिस्सा हैं और हम खुद को दुनिया की सबसे उतकृष्ट संसदीय प्रणाली बताते हैं। यह विश्व हमारी तरफ देख रहा है और स्कूल, कॉलेज, समाज के बच्चे संसद को मार्गदर्शक के रूप में जानते हैं। संसद सदस्यों को शालीनता, शिष्टाचार और अनुशासन का सर्वक्षेष्ठ उदाहर पेश करना चाहिए।” नायडू ने यह भी कहा कि आतंकवाद से धर्म को अलग करने की जरूरत है।

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