पीएम मोदी वीर बाल दिवस कार्यक्रम में हुए शामिल, बोलें-वीर साहिबजादे किसी धमकी से डरे नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र औरंगजेब के आतंक के खिलाफ गुरु गोविंद सिंह जी चट्टान की तरह खड़े रहेके अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि औरंगजेब और उसके लोग गुरु गोविंद सिंह के बच्चों का धर्म तलवार के दम पर बदलना चाहते थे। इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ” ‘वीर बाल दिवस’ हमें याद दिलाएगा कि दश गुरुओं का योगदान क्या है, देश के स्वाभिमान के लिए सिख परंपरा का बलिदान क्या है! ‘वीर बाल दिवस’ हमें बताएगा कि भारत क्या है, भारत की पहचान क्या है! मैं पिता दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी और सभी गुरुओं के चरणों में भी भक्तिभाव से प्रणाम करता हूं। मैं मातृशक्ति की प्रतीक माता गुजरी के चरणों में भी अपना शीश झुकाता हूं।”

मुगल सल्तनत का किया जिक्र

मुगलों का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि हर क्रूर चेहरे के सामने महानायकों और महानायिकाओं के भी एक से एक महान चरित्र रहे हैं, लेकिन ये भी सच है कि चमकौर और सरहिंद के युद्ध में जो कुछ हुआ, वो ‘भूतो न भविष्यति’ था। एक ओर धार्मिक कट्टरता में अंधी इतनी बड़ी मुगल सल्तनत, दूसरी ओर ज्ञान और तपस्या में तपे हुए हमारे गुरु, भारत के प्राचीन मानवीय मूल्यों को जीने वाली परंपरा। चमकौर और सरहिंद की लड़ाई वास्तव में अविस्मरणीय है। ये 3 शताब्दी पहले लड़ी गई, लेकिन अतीत इतना पुराना नहीं है कि भुला दिया जाए,इन सभी के बलिदानों को हमेशा याद रखा जाएगा। 

“वीर साहिबजादे किसी धमकी से डरे नहीं”

पीएम मोदी ने आगे कहा कि एक ओर आतंक की पराकाष्ठा, तो दूसरी ओर आध्यात्म का शीर्ष.  एक ओर मजहबी उन्माद, तो दूसरी ओर सबमें ईश्वर देखने वाली उदारता। इस सबके बीच, एक ओर लाखों की फौज और दूसरी ओर अकेले होकर भी निडर खड़े गुरु के वीर साहिबजादे. ये वीर साहिबजादे किसी धमकी से डरे नहीं, किसी के सामने झुके नहीं। 

“गुरु गोविंद सिंह जी पहाड़ की तरह खड़े थे”

औरंगजेब का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि उस दौर की कल्पना करिए. औरंगजेब के आतंक के खिलाफ भारत को बदलने के उसके मंसूबों के खिलाफ, गुरु गोविंद सिंह जी पहाड़ की तरह खड़े थे, लेकिन जोरावर सिंह साहब और फतेह सिंह साहब जैसे कम उम्र के बालकों से औरंगजेब और उसकी सल्तनत की क्या दुश्मनी हो सकती थी? 

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