चेहरे पर इस वजह से निकलते हैं पिंपल्स, ऐसे होंगे दूर
नई दिल्ली। रक्त शरीर का तापमान कंट्रोल करता है। हम जो कुछ खाते-पीते हैं, उसमें मौजूद पौष्टिक तत्व को ब्लड अलग-अलग अंगों तक पहुंचाता है। शरीर के अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकाल कर शरीर की सफाई करता है। ये शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है।
गलत और अनहेल्दी आहार खाने से हमारे ब्लड में कुछ ऐसे तत्व भी पहुंच जाते हैं, जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। इसी को खून खराब होना कहते हैं। ब्लड में गंदगी से फोड़े-फुंसी, पिंपल और चर्म रोग हो जाते हैं। लेकिन ब्लड में मौजूद विषैले तत्वों को कुछ आहारों और बेहतर जीवनशैली से बाहर निकाल सकते हैं।
लक्षण
चेहरे पर फुंसियां और मुंहासे।
त्वचा पर दाने और चकत्ते
दृष्टि कमजोर हो जाना
पीलिया, सिर दर्द , एलर्जी जैसी समस्याएं
त्वचा पर खुजली और जलन
चिड़चिड़ापन और अच्छा महसूस न करना
बाल झड़ना
रोग प्रति रोधक क्षमता कम हो जाना
चेहरे पर झुर्रियां
एलर्जी
थकान
पर्याप्त नींद न लेना
रात को देर से सोना और सुबह भी देर से उठना
लिवर का ठीक से कार्य न कर पाना
बिगड़ा हुआ, बासी आहार
तला-भुना आहार
जंक फूड
पानी कम पीना
मोटापा
तनाव
हॉर्मोन्स में बदलाव
मधुमेह
वजह
पर्याप्त नींद न लेना
रात को देर से सोना और सुबह भी देर से उठना
लिवर का ठीक से कार्य न कर पाना
बिगड़ा हुआ,बासी आहार
तला-भूना आहार
जंक फूड
पानी कम पीना
मोटापा
तनाव
हार्मोन्स में बदलाव
मधुमेह
त्वचा की बीमारी यानी खराब हो रहा है खून
अपशिष्ट भोजन करने से ब्लड में कुछ ऐसे तत्व पहुंच जाते हैं, जो शरीर को पहुंचाते हैं नुकसान, रोजाना सौंफ खाने और ग्रीन टी पीने से डिटॉक्सिफाई होता रक्त
खूब पानी पियें
रोजाना 3 से 4 लीटर पानी पीने से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ, हानिकारक बैक्टीरिया यूरिन और मल के माध्यम से निकल जाते हैं।
सौंफ खाएं
रोजाना सौंफ के इस्तेमाल से शरीर का ब्लड डिटॉक्सिफाई होता रहता है और गंदगी शरीर से बाहर निकलती रहती है।
व्यायाम करें
ऐसा करने से पसीना निकलता है, जिससे शरीर की तमाम गंदगी बाहर निकलती हैं।
खाएं फाइबर और विटामिन सी युक्त आहार
खून को शुद्ध करने के लिए फाइबर और विटामिन सी से भरपूर आहार करना चाहिए। फाइबर के लिए हरी सब्जियां, गाजर, मूली, चुकंदर, शलजम, फल, ड्राई फ्रूट्स और मोटा अनाज ले सकते हैं। विटामिन सी के लिए नींबू, संतरा, आंवला और पपीता आदि ले सकते हैं। चुकंदर खाने से ब्लड में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है।