
संसद के मॉनसून सत्र में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर होने वाली विशेष बहस से पहले कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऑपरेशन को रुकवाने के 26 बार के दावे को गंभीर बताते हुए रणनीतिक चूक, सुरक्षा विफलता और राजनीतिक हस्तक्षेप जैसे मुद्दों को उठाने की रणनीति बनाई है।

लोकसभा में 28 जुलाई और राज्यसभा में 29 जुलाई से शुरू होने वाली इस बहस में विपक्ष सरकार से कड़े सवाल पूछने को तैयार है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी, के बाद पार्टी ने दो दिन के विशेष सत्र की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इसे नजरअंदाज किया। अब लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे की चर्चा स्वागत योग्य है, भले ही देर से हो रही हो। उन्होंने बताया कि 30 मई को सिंगापुर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर के पहले दो दिनों में रणनीतिक चूक स्वीकारी थी। इसके अलावा, 29 जून को इंडोनेशिया में ग्रुप कैप्टन शिव कुमार ने संकेत दिया कि राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण ऑपरेशन प्रभावित हुआ और वायुसेना को नुकसान उठाना पड़ा।
कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के 14 जुलाई के बयान का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने पहलगाम हमले को सुरक्षा एजेंसियों की विफलता बताया और इसकी जिम्मेदारी ली। साथ ही, चार जुलाई को डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने खुलासा किया कि ऑपरेशन के दौरान भारत को चीन से तकनीकी और सामरिक टकराव का सामना करना पड़ा।
पार्टी ने ट्रंप के उस दावे पर भी सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत को व्यापारिक धमकी देकर ऑपरेशन सिंदूर रुकवाया। रमेश ने ट्रंप द्वारा पाकिस्तानी सेना प्रमुख को लंच पर बुलाए जाने और अमेरिकी अधिकारियों द्वारा पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी भूमिका की तारीफ को अभूतपूर्व और आपत्तिजनक बताया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ट्रंप ने 25 बार दावा किया कि उन्होंने संघर्ष विराम कराया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इस पर चुप हैं, जो देश की संप्रभुता पर सवाल उठाता है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय के मीडिया मैनेजर्स ने ‘मनगढ़ंत नैरेटिव’ बनाया, जो केवल घरेलू दर्शकों के लिए था। पार्टी ने कहा कि संसद में होने वाली बहस में वह सरकार से पहलगाम हमले के आतंकियों की गिरफ्तारी, ऑपरेशन में चूक और ट्रंप के दावों पर स्पष्ट जवाब मांगेगी। विपक्ष ने मांग की है कि इस चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री सदन में मौजूद रहें।