TRAI के रजत जयंती के मौके पर PM मोदी ने विपक्ष को घेरा, 2 G को बताया हताशा और निराशा का पर्याय

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) के रजत जयंती समारोह पर पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि 21 वीं सदी की कनेक्टविटी देश की प्रगति को निर्धारित करेगी।

रजत जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने एक डाक टिकट और IIT मद्रास के नेतृत्व में कुल आठ संस्थानों द्वारा बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना के रूप में विकसित 5जी टेस्ट बिड की शुरूआत की।

पीएम मोदी ने इस परियोजना से जुड़े शोधार्थियों और संस्थानों को बधाई देते हुए कहा कि मुझे देश को अपना, खुद से निर्मित 5 जी टेस्ट बिड राष्ट्र को समर्पित करने का मौका मिला है। ये दूरसंचार क्षेत्र में क्रिटिकल और आधुनिक तकनीकि की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम है।

उन्होंने कहा कि 5 जी के रूप में जो देश का अपना मानदंड बनाया गया है, वह देश के लिए बहुत गर्व की बात है और यह देश के दूर दराज गावों तक 5 जी प्रद्योगिकि पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा। क्योंकि 21 वीं सदी के भारत में कनेक्टिविटी, देश की प्रगति की गति को निर्धारित करेगी। इसलिए हर स्तर पर कनेक्टिविटी को आधुनिक बनना ही होगा।

पीएम मोदी ने एक अनुमान का हवाला देते हुए कहा कि आने वाले डेढ़ दशकों में 5 जी से भारत की अर्थव्यवस्था 450 बिलियन डॉलर का योगदान देने वाला है। इससे प्रगति और निर्माण को गति मिलेगा।

उन्होंने आशा करते हुए कहा कि 5 जी जल्द बाजार में आए, इसके लिए सामुहिक प्रयास की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस दशक के अंत तक 6 जी सेवा आरंभ हो पाए, इसके लिए एक कार्य बल काम करना शुरू कर चुका है।

पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 2 जी का कालखंड भ्रष्टाचार और नीतिगत पंगुता के लिए जाना जाता था। हमने 2 जी के बाद से 3 जी, 4 जी, 5 जी और 6 जी की ओर तेजी से कदम बढ़ाया है। यह बदलाव बहुत आसानी और पारदर्शिता से हुए और इसमें ट्राई ने बहुत भूमिका निभाई।

आपको बता दें कि 5 जी परियोजना में आईआईटी- दिल्ली, हैदराबाद, बॉम्बे, कानपुर, बैंगलोर, एसएएमईईआर और सीईडब्लूआईटी शामिल हैं। पीएम कार्यालय के मुताबिक इस परियोजना को 220 करोड़ से अधिक रुपये की लागत से तैयार किया गया है।

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