
दिलीप कुमार
उत्तर प्रदेश में पीडीएस प्रणाली के तहत राशन वितरित किया जाता है। इसके बावजूद भी बहुत सारे गरीब राशन कार्ड में कमी आने कारण इस योजना के लाभ से वंचित कर दिए जाते हैं। उत्तर प्रदेश के सीएम गरीबों के इस समस्या को दूर करने का बीड़ा उठाया है।

उन्होंने 3.6 करोड़ राशन कार्ड धारकों डिजीटल लॉकर की सुविधा मुहैया करने की सुविधा बनाई है। इस सुविधा के हो जाने के बाद कोई भी राशन कार्ड धारक देश के किसी भी हिस्से से राशन ले सकता है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया है कि राज्य सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने प्रदेश के राशन कार्ड धारकों को डिजी लॉकर सुविधा देने के काम को अपनी 100 दिन की कार्ययोजना में शामिल कर लिया है।
देश भर के सभी कार्ड धारकों का कार्ड डिजी लॉकर में अपलोड हो जाने के बाद कोटेदार राशनकार्ड का बहाना लगाकर अनाज देने से मना नहीं कर सकेगा।
प्रदेश सरकार राशन कार्ड को डिजीटल फार्मेट में बदलने की प्रक्रिया तेज कर दी है। सरकार इस प्रक्रिया के अंर्तगत जहां एक ओर लाभार्थियों का अधिकार संरक्षित करेगा, तो वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना वन नेशन वन कार्ड को पूरा करने में अपनी पूर्ण शहभागिता दर्ज कराएगी। इस व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद राशन कार्ड के फटने, गलने या खराब होनी जैसी समस्याओं से कार्ड धारक निश्चिंत हो जाएंगे।

गौरतलब है कि राशन कॉर्ड का डिजी लॉकर में अपलोड हो जाने से कार्डधारक को राशन लेने का विवरण महीना दर महीना डिजीटल रूप में दर्ज होता रहेगा, जिससे सरकार को आसानी से यह पता चल सके कि किस लाभार्थी को कब और कितना राशन मिल पाया है।
इस व्यवस्था को लेकर जानकारों का मानना है कि डिजी लॉकर एक वर्चुअल लॉकर होता है, जिसमें जरूरी दस्तावेज जैसे कि पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड आदि सुरक्षित रख सकते हैं। इसमें अकाउंट बनाने के लिए आधार कार्ड जरूरी होता है। इसमें कई तरह के अन्य जरूरी कागजात भी स्टोर कर सकते हैं।