
चंडीगढ़। डेरा प्रमुख राम रहीम की मुश्किलें तो मानों थमने का नाम ही नहीं ले रही है। पत्रकार छत्रपति और डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या मामलों में पंचकूला सीबीआई कोर्ट में शनिवार को गुरमीत राम रहीम सिंह की पेशी होगी। रोहतक की सुनारिया जेल में बंद राम रहीम की पेशी को लेकर हरियाणा सरकार किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है।
गुरमीत को पंचकूला कोर्ट में ले जाने की बजाय वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही उसकी पेशी होगी। बता दें कि पत्रकार छत्रपति और डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या मामलों में शनिवार से फाइनल बहस शुरू होगी।
उधर, कानून व्यवस्था को लेकर गृह सचिव व डीजीपी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए कदमों की जानकारी दी। राज्य में अभी 33 कंपनियां अर्द्धसैनिक बलों की तैनात हैं।
मर्डर केस 15 साल पुराना
10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत का मर्डर हुआ था। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी।
पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की। वहीं 24 अक्टूबर 2002 को सिरसा के सांध्य दैनिक ‘पूरा सच’ के संपादक रामचंद्र छत्रपति को पांच गोलियां मारी गई थी, जिसके बाद 21 नवंबर 2002 को रामचंद्र छत्रपति की दिल्ली के अपोलो अस्पताल में मृत्यु हो गई।
आरोप है कि अपने अखबार में साध्वी यौन शोषण मामले को उठाने पर ही रामचंद्र छत्रपति की हत्या की गई। जनवरी 2003 में पत्रकार छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की।
इसके बाद हाई कोर्ट ने पत्रकार छत्रपति व रणजीत हत्याकांड की सुनवाई एक साथ करते हुए 10 नवंबर 2003 को सीबीआइ को एफआईआर दर्ज कर जांच के आदेश दिए।