बच्चों की खातिर सरकार से नाराज हुआ ‘शक्तिमान’

मुंबई। एक समय था जब छोटे पर्दे पर सभी वर्ग के लिए कुछ न कुछ टेलिकास्‍ट होता रहता था। खासकर बच्‍चों के लिए तो बहुत कुछ था जैसे- ‘शक्‍तिमान’, ‘आर्यमान’, ‘तू-तू मैं-मैं’, ‘हम पांच’, ‘शाका लाका बूम बूम’, ‘सोन परी’ और भी कई। लेकिन अब छोटा पर्दा केवल सास-बहू और साजिशों में उलझ कर रह गया है। इस बात का सबसे ज्‍यादा अफसोस मुकेश खन्‍ना को है। इस वजह से उन्‍होंने चिल्ड्रन्स फिल्म सोसायटी ऑफ इंडिया (सीएफएसआई) के चेयरमैन पद से इस्‍तीफा दे दिया है।

शक्तिमान

मुकेश खन्‍ना ने लंबे समय तक ‘शक्तिमान’ बनकर बच्‍चों को एंटरटेन किया। टीवी के सामने बैठकर शक्तिमान देखना अमूमन उस दौर के सभी बच्‍चों की खूबसूरत याद में शुमार है। लेकिन आज के समय में ऐसा कोई भी सीरियल नहीं है जो बच्‍चों की मासूमियत बरकरार रखने और उन्‍हें एंटरटेन करने के लिए काम कर रहा है।

इन सबके पीछे सिर्फ डायरेक्‍टर ओर प्रोड्यूसर का हाथ नहीं है। इसके पीछे सबसे बड़ी गुनहगार मौजूदा सरकार है। मोदी सरकार को गुनहगार मानने वाले कोई और नहीं बल्कि मुकेश खन्‍ना हैं। मुकेश को सीएफएसआई के चेयरमैन का पद संभाले हुए 1 साल भी पूरे नहीं हुए और उन्‍होंने पद से इस्‍तीफा दे दिया है।

मुकेश खन्ना ने बताया, ‘मैं बच्चों के एंटरटेनमेंट पर पिछले 17 सालों से काम कर रहा हूं। मैंने शक्तिमान में काम किया जो बच्चों का सुपरहीरो बन गया। मुझे लगता है बच्चों के लिए हम अच्छी फिल्में नहीं बना रहे हैं। टीवी पर केवल सास-बहू और नॉनसेंस ड्राम चल रहा है। मुझे लगा था कि मैं इस स्थिति में कुछ परिवर्तन ला सकता हूं।’

उन्‍होंने बताया, ‘मैं बच्चों की फिल्मों के लिए पिछले 2 सालों से फंड्स जमा करने की कोशिश कर रहा हूं। 1955 से अब तक सीएफएसआई ने 260 से ज्यादा फिल्में बनाई हैं लेकिन ये फिल्म थिअटर्स में रिलीज नहीं की जाती। बच्चों की फिल्में के केवल फेस्टिवल्स और स्कूल में स्क्रीनिंग के लिए बनाई जा रही हैं। इससे इन फिल्मों को बनाने का उद्देश्य ही पूरा नहीं हो रहा है। मैंने कई मंत्रालयों से इस बारे में संपर्क किया लेकिन मेरी मांगों को लगातार अनसुना किया जाता रहा।’

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उन्‍होंने आगे बताया, ‘अभी हमारे पास 4 फिल्में रिलीज़ के लिए तैयार हैं लेकिन सूचना प्रसारण मंत्रालय ने मुझे डिस्ट्रीब्यूटर्स से संपर्क करने से मना किया जबकि मुझे टेनिस पर बनी एक फिल्म के लिए डिस्ट्रीब्यूटर्स मिल गए थे। इसके बाद मुझसे टेंडर निकालने को कहा गया जिससे फिल्म की रिलीज़ टल गई। आखिर में मुझसे यह फिल्म दूरदर्शन पर रिलीज़ करने को कहा गया। अगर नैशनल चैनल पर फिल्म रिलीज़ कर दी जाएगी तो आखिर इस फिल्म को कौन खरीदेगा?’

बता दें, मुकेश खन्ना के फैसले पर अभीतक सूचना प्रसारण मंत्रालय का कोई जवाब नहीं आया है।

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