MP: शिवराज सरकार करेगी कोटा में फंसे अपने छात्रों की घर वापसी, भेजेगी बसें…
राजस्थान के कोटा में पूरे देश से छात्र इंजिनीयरिंग और मेडिकल की तैयारी के लिए पढ़ने आते हैं. अब इस लॉकडाउन की स्थिति में वहीं फंसे छात्रों को वापिस उनके घर लाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ और यूपी के बाद अब मध्यप्रदेश से शिवराज सरकार कोटा में फंसे अपने छात्रों को वापस लाने के लिए 100 बस भेजेगी. एक बस में 6 से 8 छात्रों को लाया जाएगा. इसके बाद सभी को उनके घरों तक पहुंचाया जाएगा. दसौर के 45 छात्र, शाजापुर के 27 छात्र और भिंड के 118 छात्रों सहित कई छात्र फंसे हुए हैं. छात्रों को लाने से पहले बसों को अच्छी तरह से सेनेटाइज किया जाएगा.
बसों को अच्छी तरह से किया जाएगा सेनेटाइज
सूत्रों से खबर मिली है कि कोटा से छात्रों को घर छोड़ने से पहले उनका कोविड19 टेस्ट किया जाएगा. छात्रों को छोड़ने के बाद बसों को अच्छी तरह से सेनेटाइज किया जाएगा. छात्रों की प्रदेश वापसी के बाद उन्हें उनके जिलों तक पहुंचाने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं. शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है. बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज ठीक होकर घर रवाना हो रहे हैं. अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सोमवार से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. आधिकारिक जानकारी के अनुसार, चौहान ने रविवार को वीडियो कान्फ्रेंस (Video Confrence) के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति और व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य में कोरोना की स्थितियां सुधर रही हैं. शनिवार तक भोपाल में 31 संक्रमित मरीज और इंदौर में 71 संक्रमित मरीज ठीक होकर घर आ गए हैं. इसी प्रकार, ग्वालियर और शिवपुरी में अब एक भी स्थानीय कोविड पॉजिटिव मरीज नहीं है. शनिवार को भोपाल के 193 सैम्पल की रिपोर्ट निगेटिव आई हैं. प्रदेश के 50 प्रतिशत से अधिक जिले कोरोना से पूरी तरह मुक्त हैं.
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अभी तक 20.5 लाख व्यक्तियों का सर्वेक्षण हो चुका
बैठक में बताया गया कि शिवपुरी, छिंदवाड़ा एवं ग्वालियर जिलों में गत 13 दिनों से एक भी कोरोना टेस्ट पॉजिटिव नहीं आया है. इसी प्रकार, विदिशा में नौ दिन से, मुरैना में आठ दिन से तथा टीकमगढ़ में पिछले पांच दिनों से एक भी कोरोना टेस्ट पजिटिव नहीं आया है. जिलों में स्थितियां सुधर रही हैं. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि पूरे प्रदेश में कुल 453 संक्रमित क्षेत्र हैं, जिनमें लगभग 22 लाख लोग रह रहे हैं. इनका सघन सर्वे कार्य 2623 टीमें कर रही हैं. अभी तक 20़ 5 लाख व्यक्तियों का सर्वेक्षण हो चुका है. सर्वेक्षण के दौरान 12 हजार 938 हाई रिस्क व्यक्ति पाए गए हैं. इन सभी का सैंपल लिया गया है. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है.