MP: राज्य में हो चुकी है अबतक 20,000 प्रवासी मजदूरों की वापसी, पहले हुआ था मेडिकल चेकअप

कोरोना वायरस के कहर ने लॉकडाउन को बढ़ा दिया जिसके चलते कई लोग दूसरे राज्यों में फंसे रह गए. मध्यप्रदेश सरकार ने गुरुवार को कहा कि लॉकडाउन के दौरान अब तक करीब 20,000 से अधिक प्रवासी मजदूरों को वापस लाया गया है। ये मजदूर कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन से दूसरे राज्यों में फंसे थे।

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इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव आईसीपी केशरी जो राज्य नियंत्रण कक्ष के प्रभारी ने कहा कि अब तक कम दूसरे राज्यों में फंसे करीब 20,000 प्रवासी मजदूरों को वापस मध्य प्रदेश लाया जा चुका है।  राजस्थान के जैसलमेर, नागौर, जोधपुर और जयपुर शहर से 200 बसों के जरिए यात्रा करके बड़ी संख्या में मजदूर मध्य प्रदेश के नीमच, आगर-मालवा, श्योपुर और गुना की एंट्री प्वाइंट में पहुंचे हैं। इन मजदूरों का पहले मेडिकल चेकअप फिर उनके घर भेजा जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा, 24 घंटे में 630 लोग हुए ठीक

इंदौर में कोरोना से तीन और लोगों की मौत, संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 1485

 

देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में इस महामारी से तीन और मरीजों की मौत होने की पुष्टि हुई है। इसके बाद जिले में इस वायरस के संक्रमण से दम तोड़ने वाले मरीजों की तादाद बढ़कर 68 पहुंच गई है।

 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने गुरुवार को बताया कि कोविड-19 से संक्रमित पाए गए 40, 64 और 69 वर्ष के पुरुषों की मौत शहर के अलग-अलग अस्पतालों में पिछले 12 दिन के दौरान हुई। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 19 और मरीज मिलने के बाद जिले में इस महामारी की जद में आए लोगों की तादाद 1,466 से बढ़कर 1,485 पहुंच गई है।

 

जड़िया ने कहा, जिले में कोरोना वायरस के नए मरीजों की तादाद में कमी आनी शुरू हो गई है। हमें उम्मीद है कि अगले 15 दिन के भीतर इस महामारी की स्थिति काफी हद तक नियंत्रित हो जाएगी। ताजा आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि गुरुवार सुबह तक जिले में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर 4.58 प्रतिशत थी।

 

प्रयोगशालाओं में विमान से भेजे जाते हैं कोरोना जांच के नमूने

 

मध्यप्रदेश सरकार के विमान और इसके पायलट अब तक वीवीआईपी लोगों को लाते और ले जाते रहे हैं। लेकिन अब ये कोरोना महामारी के इस दौर में कोविड-19 की जांच के लिए नमूनों को प्रयोगशालाओं तक तुरंत पहुंचानें की नई चुनौती को पूरा करने में लगे हुए हैं। यह कोई साधारण उड़ान नहीं होती हैं। इसमें पायलटों को दिल्ली और पुड्डुचेरी की प्रयोगशालाओं तक नमूनों को ले जाने के लिए पीपीई किट पहनने सहित कई अन्य कड़े प्रोटोकॉल का सामना करना पड़ता है।

 

प्रदेश के विमानन विभाग के कैप्टन विश्वास राय ने बताया, यह हमारे लिए काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है। विमान उड़ाने के लिए हमें पीपीई किट पहनना पड़ता है जो कि कठिन है क्योंकि हम इसके अभ्यस्त नहीं हैं। लेकिन मैं और मेरे वरिष्ठ कैप्टन माजिद राष्ट्रहित में इसे करते हैं।

 

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