‘भारतीय अंडर-17 फुटबॉल टीम गोल करने की खुशी में डिफेंड करना भूल गई’

भारतीय फुटबॉल टीमकोलकाता। फीफा के प्रशिक्षण व खिलाड़ी विकास कार्यक्रम के प्रमुख ब्रानीमीर उजेविक ने अंडर-17 विश्व कप टूर्नामेंट में कोलंबिया के खिलाफ खेले गए मुकाबले में भारतीय टीम के प्रति अपनी हमदर्दी जताते हुए कहा कि भारतीय टीम इस मुकाबले में गोल दागकर खुशी में इतनी भावुक हो गई कि डिफेंड ही करना भूल गई। उन्होंने कहा कि विश्व कप टूर्नामेंट में अपना पहला गोल दागकर भारत की अंडर-17 टीम काफी भावुक हो गई थी और अपने प्रशंसकों के साथ इसका जश्न मनाना चाहती थी।

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इस टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम को ग्रुप-ए में अमेरिका, घाना और कोलंबिया के साथ शामिल किया था और इन तीनों टीमों के साथ खेले गए मैच हारने के बाद भारतीय टीम ग्रुप में सबसे नीचे आई। भारत की तरफ से टूर्नामेंट का एकमात्र गोल कोलंबिया के खिलाफ हुआ। जैक्सन सिंह के हेडर ने कोलंबिया की 1-0 की बढ़त को खत्म कर स्कोर 1-1 कर दिया। इस ऐतिहासिक गोल की खुशी अभी पूरी तरह से मनी भी नहीं थी कि कोलंबिया ने फिर गोलकर स्कोर 2-1 कर दिया और आखिर में इसी स्कोर के साथ मैच जीता।

उजेविक ने संवाददाताओं से कहा, “पहला मैच (अमेरिका के खिलाफ) टैक्टिकल था। कोलंबिया के खिलाफ दूसरे मैच में भारतीय टीम बेहतरीन दिखी। टीम रणनीतिक और शारीरिक तौर पर पूरी तरह से तैयार थी और उसने गोल करने के अवसर भी हासिल किए थे।”

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उन्होंने कहा, “भारतीय टीम के खिलाड़ी बेहद भावुक हो गए थे। वे भूल गए कि स्कोर करने के तुरंत बाद कैसे डिफेंड करना होता है। वह स्टैंड पर जाकर अपने प्रशंसकों के साथ इसका जश्न मनाना चाहते थे। इस टूर्नामेंट से भारतीय टीम को काफी सीख मिलेगी।”

उजेविक ने कहा, “भारत की टीम काफी अच्छी है। इसके पास दो अच्छे मिडफील्डर है और निश्चित तौर पर एक अच्छा गोलकीपर (धीरज सिंह) है, जिसने अपने प्रदर्शन से मुझे बेहद प्रभावित किया है।”

उन्होंने कहा, “मेरे लिए, सबसे रोचक चीज थी 16 वर्ष का खिलाड़ी जैक्सन। उसने विश्व कप में भारत के लिए पहला गोल दागकर भारतीय फुटबाल जगत में अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिख दिया है।”

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