मनी लॉन्ड्रिंग केस: मीसा भारती का आरोपों से किनारा, बोलीं-पति और सीए देखते थे कारोबार
नई दिल्ली: लालू यादव और उनके परिवार के लिए दिक्कतों का दौर थमता नहीं दिखाई दे रहा है खासतौर से सीबीआई द्वारा हालिया कार्रवाई और पूछताछ के बाद ऐसा लगता है कि परेशानियों का सिलसिला इस परिवार के लिए अभी थमेगा नहीं. लालू की बेटी और राजनीतिक छवि रखने वाली मीसा भारती के खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनके बयान के बाद हलचल मचनी शुरू हो चुकी है. लालू प्रसाद यादव के परिवार पर इनदिनों संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
सीबीआई ने मीसा पर लगे आरोपों को पर कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें उनके देश छोड़ने पर पाबन्दी लगा दी है हालाँकि विशेष अदालत से उन्हें जमानत मिल गयी है.चारा घोटाले में आरोपी लालू इन दिनों झारखंड की बिरसा मुंडा जेल में सजा काट रहे हैं वहीं बिहार की सियासत में नीतीश का लालू से किनारा कर बीजेपी गठबंधन की सरकार को लेकर भी सियासी घमासान थमने का नाम नही ले रहा है.
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लालू के परिवार पर एक के बाद एक आरोपों का दौर जारी है. सीबीआई लालू के बेटी मीसा भारती के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने की कोशिश कर रही है. मीसा भारती पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए गये हैं सीए कीमृत्यु हो चुकी है. वहीं प्रवर्तन निदेशालय कहना है कि मुखौटा कंपनियों के जरिए 1.2 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग के षडयंत्र में यह दंपत्ति ‘सक्रिय रूप से शामिल’ था.
पिछले दिनों आयकर विभाग ने दिल्ली से लेकर पटना तक लालू प्रसाद यादव के परिवार की कई बेनामी संपत्तियां ज़ब्त की गईं. इनमें लालू की पत्नी राबड़ी देवी, उनके पुत्र तेजस्वी यादव, पुत्री मीसा भारती, दामाद शैलेश कुमार और लालू की अन्य दो बेटियों रागिनी और चंदा यादव की बेनामी संपत्तियां शामिल हैं. भले ही इस कार्रवाई को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू के बेटे तेजस्वी यादव ‘राजनैतिक बदले की कार्रवाई’ बताते रहे हों लेकिन बिहार के इस कद्दावर राजनीतिक परिवार का विवादों से पुराना नाता रहा है.
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प्रवर्तन निदेशालय ने इस दंपत्ति के खिलाफ आरोप पत्र दिसंबर में दाखिल किया था. इसमें कहा गया है कि ‘अपराध से जुटाए गए धन से ये दोनों भी सक्रिय रूप से संम्बद्ध रहे और पक्ष हैं इसलिए मनी लांड्रिंग अपराध के दोषी हैं.’
दिल्ली की एक अदालत ने आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए अभियोजन शिकायत को मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत माना है और दंपत्ति को इस मामले में आरोपी के रूप में सम्मन किया है.
आरोप पत्र के अनुसार, मीसा ने एक संक्षिप्त जवाब दिए और एजेंसी से कहा है कि संबंधित फर्म का रोजमर्रा का कारोबार पति शैलेष कुमार देख रहे थे जबकि कंपनी का वित्तीय ब्यौरा कंपनी का सीए संदीप शर्मा देख रहा था. संदीप शर्मा का निधन हो चुका है.
मीसा का कहना है कि कंपनी व इसके द्वारा खरीदे गए फार्म हाऊस संबधी सवालों का जवाब तो उसके पति व ‘दिवंगत सीए’ ही बेहतर दे सकता है.