आप भी नहीं जानते होंगे नमस्कार-नमस्ते का मतलब और इसमें छिपे गहरे राज

भारतीय संस्कृति में हर चीज का महत्व होता है. हमारी संस्कृति में नमस्ते का महत्वपूर्ण स्थान है. घर में आए मेहमान या किसी का अभिवादन करने का अच्छा तरीका है, जो सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है. नमस्ते करने के कई वैज्ञानिक फायदे हैं, जो हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं.

नमस्ते

नमस्ते का उच्चारण करने मात्र से ही शरीर के अंदर पॉजीटिव एनर्जी का संचार होता है, जो सामने वाले व्यक्ति की आत्मा को भी प्रभावित करती है.

नमस्ते का ‘नमः’ शब्द का अर्थ होता है नमन, जिसमें आप अपने हाथों को जोड़कर सामने वाले का सम्मानपूर्वक स्वागत करते हैं. साथ ही नमस्ते और नमस्कार दोनों का मतलब होता है.

नमस्ते का अध्यात्मिक अर्थ

नमस्ते सामने वाले व्यक्ति के अन्दर की आत्मा का सम्मान दर्शाता है. जब आप दोनों हथेलियों को जोड़कर मुंह से नमस्ते का उच्चारण करते हैं तो आपके अंदर एक तरंग उत्पन्न होती है. इसके साथ ही यह तरंग सामने वाले व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है.

मेडिटेशन के दौरान नमस्ते पवित्रता का प्रतीक होता है साथ ही यह एक माध्यम है, जो दिमाग और आत्मा का संबंध बनाता है. जब आप अंदर से इस शब्द का उच्चारण करते हैं तो यह शब्द आपके दिमाग और आत्मा को अध्यात्म से जोड़ता है. मेडिटेशन के दौरान नमस्ते का उच्चारण करने से ध्यान में वृद्धि होती है.

नमस्ते और नमस्कार में अंतर

‘नमः’ का मतलब ‘अभिवादन’ और ‘ते’ का मतलब ‘आपका’ होता है. इसलिए नमस्ते का शाब्दिक अर्थ होता है ‘आपका अभिवादन’ हुआ. दूसरी तरफ नमस्कार का भी एक सांकेतिक मतलब होता है. नमस्कार का शाब्दिक अर्थ अभिवादन करना होता है.

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