स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान पर मायावती का पलटवार, सपा नेता पर लगाया बड़ा आरोप

बसपा अध्यक्ष मायावती ने रविवार को समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर प्राचीन भारत में बौद्ध मठों के विध्वंस पर अपनी टिप्पणी के साथ चुनाव से पहले समुदायों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में दावा किया था कि हिंदू तीर्थस्थल बद्रीनाथ 8वीं शताब्दी तक एक बौद्ध मठ था। जिसपर पलटवार करते हुए बहुजन समाज पार्टी प्रमुख ने एक ट्वीट में कहा की माजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का ताज़ा बयान कि बद्रीनाथ सहित कई मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए थे और न केवल ज्ञानवापी मस्जिद बल्कि अन्य प्रमुख मंदिरों का भी आधुनिक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए, यह एक विशुद्ध राजनीतिक बयान है जो नए विवाद को जन्म दे रहा है। मायावती ने मौर्य से यह भी पूछा कि जब वह भाजपा सरकार में मंत्री थे तो उन्होंने कभी ऐसी मांग क्यों नहीं उठाई। “मौर्य लंबे समय तक भाजपा सरकार में मंत्री थे, उन्होंने इस संबंध में अपनी पार्टी और सरकार पर इतना दबाव क्यों नहीं डाला? और अब चुनाव के समय ऐसा धार्मिक विवाद खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने कहा की अब बौद्ध और मुस्लिम समुदाय उनके बहकावे में नहीं आने वाले हैं।”

स्वामी प्रसाद मौर्या ने किया था बड़ा दावा

सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या ने हाल ही में दावा किया था कि बद्रीनाथ, एक हिंदू तीर्थस्थल, 8वीं शताब्दी तक एक बौद्ध मठ था। सपा नेता ने यह भी कहा कि अधिकारियों को इस बात का सर्वेक्षण करना चाहिए कि जहां अब ज्ञानवापी मस्जिद है, वहां मंदिर से पहले क्या था। “अगर सर्वेक्षण करना ही है तो मंदिर से पहले वहां क्या था इसका भी सर्वेक्षण होना चाहिए। हिन्दू धर्म के सभी स्थान पहले बौद्ध मठ थे। बौद्ध मठों को तोड़कर मंदिर बनाए गए।

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