इन 5 स्ट्रेस प्वॉइंट पर करें मसाज, चिड़चिड़ापन से हमेशा के लिए मिल जाएगा छुटकारा

कई बार बड़े क्या छोटे बच्चे भी चिड़चिड़े हो जाते हैं। वो हर छोटी से छोटी बात पर चिड़चिड़ करते हैं। शिशु अपनी परेशानी को किसी से बता भी नहीं पाते हैं। ऐसे में माता-पिता को समझना चाहिए कि आपका शिशु को किस चीज की जरूरत है।

रिफ्लेक्सोलॉजी

क्या आपने कभी भी रिफ्लेक्सोलॉजी के बारे में कुछ सुना है? अगर आप किसी के माता पिता है तो आपके लिए रिफ्लेक्सोलॉजी के बारे में जानना अति आवश्यक है। तो चलिए जानते हैं क्या है रिफ्लेक्सोलॉजी ।

क्या है रिफ्लेक्सोलॉजी?

रिफ्लेक्सोलॉजी एक तरह की मसाज है। ऐसा माना जाता है कि पैरों और हाथों का संबंध मांसपेशियों, हड्डियों और शरीर प्रणालियों से होता है। जिसे दबाने पर तुरंत आराम मिलता है। पैरों की मसाज पर रिफ्लेक्सोलॉजी अधिक प्रभाव ड़ालती है।

अगर आपके शिशु को पेट में दर्द, सिर दर्द, साइनस आदि की शिकायत है, तो रिफ्लेक्सोलॉजी एक बहुत उपयुक्त बिकल्प है। इस मसाज में आपको समझना होगा कि किस नस का कनेक्शन कहां से है ताकि आप मसाज करते समय ध्यान दें पाएं। अगर आप ये बात समझ गई तो आपको अपने शिशु को बड़ी ही आसानी से शांत करा पाएंगी।

कूल्हों में दर्द

अगर आपके शिशु के कूल्हों में दर्द हो रहा है तो उसकी एड़ी पर मसाज से उले दर्द में आराम मिलेगा। यह प्रेशर प्वॉइंट न सिर्फ बच्चे को कूल्हे में दर्द से छुटकारा दिलाएगा बल्कि उन्हें पेट दर्द और कब्ज की समस्या से भी छुटकारा दिलाएगा।

सूजन में आराम

अगर आपके शिशु को शरीर के किसा भाग में सूजन का अनुभव हो रहा है तो ऊंची एड़ी के जूते और पैर के बीच मसाज करें। आपको यह समझना होगा कि शरीर के किस अंग की मजास करने से आपके शिशु को ज्यादा आराम मिलता है। फिर आप उस हिसाब से ही उसकी मसाज कर सकते हैं।

साइनस का दर्द

साइनस का दर्द किसी के लिए भी बड़ा ही असहनीय ही होता है। अगर आपके बच्चे को साइनस का दर्द सता रहा है तो उसके तलबों को धीरे धीरे मसाज करें। ऐसा करने से दर्द में धीरे-धीरे आराम मिल जाएगा। ध्यान रहे कि बच्चे बहुत नाजुक होते हैं इसलिए इन्हें हल्का हल्का ही दबाएं। जिससे बच्चे को दर्द न हो। नहीं तो फायदे की जगह नुकसान हो जाएगा।

बच्चों के दांत निकलना

जो मां है वह समझ सकती है कि जब बच्चे के दांत निकलते हैं तो उस वक्त मां और बच्चा दोनों किस दर्द से गुजरते हैं। इस स्थिति में यदि आपे धीरे-धीरे बच्चे के पैर की उंगलियों की नोक को मालिश करेंगे तो आपका बच्चा काफी आरामदायक महसूस करेगा। इस प्वॉइंट को दबाने से बच्चों को बहुत आराम मिलता है।

बच्चों का पेट दर्द

जब भी आपके शिशु को पेट में दर्द हो तो आप रिफ्लेक्सोलॉजी का सहारा ले सकते हैं। इसके लिए आपको यह समझना होगा कि पैर की किस नस को दबाया जाएं तो पेट का दर्द ठीक होगा । रिफ्लेक्सोलॉजी में सीधा जोड़ पैर की नसों से होता है। आपको बस एक परिपत्र गति में बच्चे के पैर की उंगलियों के केंद्र को मालिश करना शुरू करना है। केंद्रीय पैर की अंगुली क्षेत्र ‘सौर प्लेक्सस’ से बंधी है जो पेट और हमारे फेफड़ों के बीच नसों को आराम पहुंचाती है।

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