
इस बार आपके लिए मकर संक्रांति का पर्व कुछ इस तरह होगा खास मकर संक्रांति का पर्व आने वाला है। हिन्दू धर्म में मकर संक्राति का विशेष महत्व है. इस बार ग्रहों के विशेष संयोग के कारण यह पर्व और भी विशेष होने वाला है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है, और मकर राशि में प्रवेश करता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। बाताया जाता है, कि मकर संक्रांति से ही ऋतु भी बदलने लगती होने है। शास्त्रों की माने तो इस दौरान स्नान-दान करने से कई गुना फल प्राप्त होता है। इस दिन सूर्यदेव की विधि-विधान के साथ पूजा करने पर व्यक्ति को मनचाहा वरदान मिलता है।

क्या खाना होता है इस दिन खास
पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तब ये पर्व मनाया जाता है. इस साल 2021 में मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने और खाने का खास महत्व होता है. इसी कारण इस पर्व को कई जगहों पर खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है।
मकर संक्रांति मुहूर्त
पुण्य काल मुहूर्त: सुबह 08:03:07 से 12:30:00 तक
महापुण्य काल मुहूर्त: सुबह 08:03:07 से 08:27:08 तक
इस दिन क्या करना बनाता है जीवन को और भी खास
इस दिन प्रातःकाल स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें. सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें. नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें. भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं. भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद के रूप से ग्रहण करें. संध्या काल में अन्न का सेवन न करें. इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
क्या है इस दिन का विशेष महत्व
मकर संक्राति के पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहा जाता है. मकर संक्राति के दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्यदेव की उपासना करने का विशेष महत्त्व है। इस दिन किया गया दान अक्षय फलदायी होता है. इस दिन शनि देव के लिए प्रकाश का दान करना भी बहुत शुभ होता है। इस दिन तिल और गुड़ की बनी मिठाई बांटी जाती है। इसके अलावा मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा है