Maharani Season 2 Trailer: महारानी 2 का ट्रेलर हुआ रिलीज, फर्स्ट सीज़न से भी दमदार है नया सीजन
इंडियन ओटीटी इंडस्ट्री में ऐसा सिर्फ़ गिनती के बार हुआ है कि सेकेंड सीजन की कहानी, फर्स्ट सीजन को पीछे छोड़ दे। पिछले साल मई में यानि 2021 में Sony Liv पर ‘महारानी’ का फर्स्ट सीजन आया, जिसे ‘जॉली एलएलबी’ के डायरेक्टर, राइटर सुभाष कपूर ने प्रेजेंट किया था। अब 14 महीने के बाद 10 एपिसोड वाला ‘महारानी’ का सेकेंड सीजन आया, तो हाईप तो ज़बरदस्त था।
क्योंकि 90 के दशक में बिहार की राजनीति की कहानी थोड़े फिक्शनल अंदाज़ में, लेकिन बुनियादी मुद्दों को लिए ये रानी भारती की कहानी थी, जो अनपड़ थी, घरेलू थी, मुख्यमंत्री की बीवी थी, लेकिन सियासत से ज़्यादा पति, बच्चों और अपने गायों में बिज़ी थी।
उसे जब पति भीमा भारती पर हुए जानलेवा हमले के बाद अचानक बिहार का मुख्यमंत्री बनाया जाता है, तो वो कठपुतली मुख्यमंत्री बने रहने की जगह बिहार के दाना घोटाले की परतें खोल देती है और अपने ही पति पूर्व मुख्यमंत्री भीमा भारती को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा देती है।
पहला सीजन कमाल का था, कहानी शानदार थी, किरदार दमदार थे और डायरेक्शन उम्दा था। अब सेकेंड सीजन उससे भी बेहतरीन है।
ट्रेलर से आगे ‘महारानी 2’ की कहानी पहले ही एपिसोड के पहले ही सीन से झटके देना शुरु कर देती है। रानी भारती, मुख्यमंत्री की जगह पूर्व मुख्यमंत्री बन चुकी हैं, उन्हे अपने ही पति की मौत की जांच के लिए बनी इंक्वायरी कमेटी के सामने पेश होना है। इस इंक्वायरी कमेटी को हेड कर रहे हैं मार्टिन इक्का। वही मार्टिन इक्का, जिन्होने रानी भारती को दाना घोटाले की जांच में खूब मदद की थी। रानी भारती पर इल्ज़ाम है कि उन्होने अपने पति पूर्व मुख्यमंत्री भीमा भारती का क़त्ल किया है। कहानी फ्लैश बैक में जाती है और फिर वहां से शुरु होती है, जहां पहला सीज़न ख़त्म हुआ था।
राजनीति के खिलाड़ी भीमा भारती, अपनी ही पत्नी रानी के आदेश पर जेल में हैं। जेल से रैलियां हो रही हैं, रानी भारती की पकड़ सत्ता पर कमज़ोर है। भीमा भारती जेल से सरकार चला रहे हैं और नारे लग रहे हैं – ‘जेल के ताले टूटेंगे, भीमा बाबू छुटेंगे’। पति-पत्नी के बीच इस सस्साकशी के बीच, सियासत के बीच दो धार पर चलने वाली रानी भारती को पटना में मिस पटना के रेप और मर्डर के बीच, बाहुबली और दाग़ी विधायकों को सबक सिखाना है, लेकिन भीमा भारती उनके ईरादों पर पानी फेरते जा रहे हैं।
चुनाव करीब है, ऐसे में 17 साल से मुख्यमंत्री बनने का इंतज़ार कर रहे नवीन बाबू को पॉलिटिकल स्ट्रेटेजिस्ट कल्पना का साथ मिलता है। मुश्किल और है कि बिहार से अलग झारखंड की मांग कर रहे एक्कल मुंडा भी इस सियासी गणित में अपने दांव चल रहे हैं। उधर पत्नी-पत्नी के बीच दूरी बढ़ाने का काम, कीर्ति सिंह भी कर रही है, जो भीमा भारती की पार्टी से होते हुए, दिल तक जा पहुंची है। और फिर ऐन चुनाव के बाद, होली की पार्टी में भीमा भारती का कत्ल हो जाता है। किसने किया है ये क़त्ल ? शक़ की सुई रानी भारती के भाई सन्यासी की ओर से घूमते हुए रानी भारती तक जाता है। और पूरा खेल बदल जाता है।
आपको लग रहा होगा, कि सिनॉप्सिस की जगह अपने ‘महारानी 2’ की पूरी कहानी सुना दी, लेकिन सच ये है कि ये सिर्फ़ किरदारों का इंट्रोक्शन है। कहानी, बिहार की समस्याओं जैसी फैली है। जिसमें वर्मा कमीशन को लागू करना, जात-पात, बेरोजगारी, धर्म के उपर राजनीति सब कुछ शामिल है। महारानी का ये सेकेंड सीजन, बिहार की वो तस्वीर दिखाता है तो 90 के दशक में इस प्रदेश की सच्चाई बना था और आज तक उसकी तपिश झेल रहा है। हांलाकि कहानी को इतना फैलाने के बाद भी सुभाष कपूर, नंदन सिंह और उमाशंकर सिंह ने इसे बिखरने नहीं दिया है। कुछ-कुछ मुद्दे दिखाकर छोड़कर भी दिए गए हैं, लेकिन वो ज़रुरी थे, क्योंकि ये कहानी महारानी के बारे में है।