कोलेस्ट्राल को रखें कम, अल्जाइमर का खतरा भी होगा कम

आज के समय में अल्जाइमर से ग्रस्त रोगियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इस बीमारी का सीधा असर आपकी स्मरणशक्ति से होता है। हालांकि शरीर में कोलेस्ट्राल की मात्रा के बढ़ जाने से टाइप-2-डायबिटीज का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। एक सर्व मं यह बात सामने आई है कि अगर शरीर में कोलेस्ट्राल की मात्रा को नियंत्रण में रखा जाए तो अल्जाइमर से लड़ने में काफी हद तक मदद मिलती है।

अल्जाइमर

अल्जाइमर के लक्षण

  • खुद ही चीजों को रखकर भूलना
  • एक ही बात को बार बार दोहराना
  • खुद से बात करना
  • जानी पहचानी जगहों या अपने ही घर में खो जाना
  • रोजाना के आसान कामों को करने में भी दिक्कत महसूस होना
  • देर रात को निकल कर घूमना
  • बात करते वक्त सामने वाले व्यक्ति को घूरना
  • काम ना करने पर भी ऐसा लगना कि वह काम हमने कर दिया है
  • छोटी छोटी बातों पर चौंक जाना, आदि।

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अल्जाइमर के जोखिम को कम करने के लिए टिप्स

  • उचित वजन बनाए रखें, अपनी कमर की चैड़ाई जांचें।
  • सोच समझ कर खाएं, विटामिन युक्त सब्जियों और फलों पर जोर दें।
  • साबुत अनाज, मछली, लीन पोल्ट्री, टोफू और सेम व अन्य फलियां जैसे प्रोटीन स्रोतों से मिली स्वस्थ वसा पर ध्यान दें।
  • मिठाई, सोडा, सफेद ब्रेड या सफेद चावल, अस्वास्थ्यकर वसा, तले और फास्ट फूड, नासमझीपूर्ण स्नैकिंग जैसी अनावश्यक कैलोरी कम करें, अपनी थाली के साइज पर भी गौर करें, नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • तेज चलने के लिए हर सप्ताह ढाई से 5 घंटे का लक्ष्य रखें, जॉगिंग जैसे व्यायाम करने की कोशिश करें, अपने कोलेस्ट्रॉल, ट्रायग्लिसराइड्स, रक्तचाप और ब्लड शुगर के आंकड़ों पर भी नजर रखें।
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