वास्तु के अनुसार घर में इस जगह कीजिए बप्पा की स्थापना, आएंगी खुशियां

गणपति की स्थापनाबप्पा गणपति को पुराणों में विघ्नकर्ता और हर्ता दोनों कहा गया है. कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. सभी देवी-देवताओं में भगवान गणेश प्रथम पूजनीय माने जाते हैं, इसलिए घर हो या दुकान सभी जगह गणेश जी की मूर्ति या फोटो रखी जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि सही समय पर और सही तरीके से भगवान गणपति की स्थापना की जाए तो घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है. आज हम आपको बताते हैं कि श्री गणेश की मूर्ति स्थापित करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

गणपति की स्थापना करने से पहले जान लीजिये ये बातें

खंडित और बेरंग गणपति की मूर्ति को घर पर नहीं रखना चाहिए, उससे घर पर नकारात्मक असर होता है. वास्तु विज्ञान के अनुसार अगर घर में रखी गणेश जी की मूर्ति खंडित हो जाए या मूर्ति बेरंग होने लगे तो उसे नदी या तालाब में प्रवाहित कर दें और उसकी जगह नई मूर्ति को स्थापित करें.

  • घर में एक ही जगह पर गणेश जी की दो मूर्ति एक साथ नहीं रखें. वास्तु विज्ञान के अनुसार इससे उर्जा का आपस में टकराव होता है जो अशुभ फल देता है. अगर एक से अधिक गणेश जी की मूर्ति है तो दोनों को अलग-अलग स्थानों पर रखें.
  • गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर को कभी ऐसे न रखें जिसमें वह घर के बाहर देख रहे हों. गणेश जी की मुख हमेशा उस दिशा में होना चाहिए जिससे वह घर की ओर देखते नजर आएं. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि गणेश जी के पृष्ठ भाग पर दुख और दरिद्रता का वास माना गया है.
  • गणेश जी कि मूर्ति में सूंड का भी बहुत महत्त्व है. घर में गणेश जी की बांयीं ओर सूंड वाली मूर्ति रखना अधिक मंगलकारी माना गया है क्योंकि इनकी पूजा से जल्दी फल की प्राप्ति होती है। दायीं ओर सूंड वाले गणपति देर से प्रसन्न होते हैं.
  • गणेश जी को विराजमान करने के लिए ब्रह्म स्थान, पूर्व दिशा और उत्तर पूर्व कोण शुभ माना गया है लेकिन भूलकर भी इन्हें दक्षिण और दक्षिण पश्चिम कोण यानी नैऋत्य में नहीं रखें इससे हानि होती है.

तो इस गणपति उत्सव में और आगे आने वाले समय के लिए भी ज़रूर ध्यान में रखें इन बातों का गणपति कि मूर्ति स्थापित स्थापित करने से पहले| क्यूंकि बातें जरुर छोटी हैं लेकिन इनका महत्त्व और आपकी ज़िन्दगी पर असर बहुत गहरा होगा|

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