साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कल, ग्रहण में बरतनी होगी विशेष सावधानी
सूर्य ग्रहण के बाद अब 08 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगने वाला है, ये साल का अंतिम चंद्र ग्रहण है जो भारत में भी दिखाई देगा। भारत में ये चंद्र ग्रहण सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में दिखाई देगा। भारत में पूर्व दिशा के शहरों में ये चंद्र ग्रहण चंद्रोदय के साथ ही दिखने लगेगा। चूंकि ये चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान होगा। इसलिए यहां सूतक काल के नियम भी लागू होंगे और चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। यह ग्रहण दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर।
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शाम 06 बजकर 20 पर समाप्त होगा। इसका मोक्ष काल 07:25 पर रहेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में चंद्रोदय के साथ शाम 5 बजकर 20 मिनट से दिखाई देगा और चंद्रास्त के साथ शाम 6 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगा । इस चंद्र ग्रहण को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं । साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कहां-कहां दिखेगा ग्रहण की शुरुआत कब होगी। ग्रहण की समाप्ति का समय क्या है, ग्रहण की कुल अवधि क्या है, और इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव क्या होगा ।
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-हैडर- ये चंद्र ग्रहण क्यों है खास
-ये साल का अंतिम चंद ग्रहण है
-चंद्र ग्रहण दोपहर 1.32 बजे शुरू होगा
-चंद्र ग्रहण साम को 7.26 बजे समाप्त होगा
-ग्रहण का सूतक सुबह 9.21 बजे से शुरू होगा
-सूतक काल की समाप्ति शाम 6.18 बजे होगी
ये ग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लग रहा है
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अब दूसरा सवाल ये उठता है कि साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कहां-कहां दिखेगा… तो आपको बतादें कि भारत में साल का आखिरी चंद्र ग्रहण पूर्वी भागों में दिखाई देगा। शहरों की बात करें तो पटना, रांची, कोलकाता, सिलीगुड़ी, गुवाहाटी इत्यादि में देखा जा सकता है। वहीं भारत के अलावा इस चंद्र ग्रहण को पूर्वी युरोप, उत्तरी युरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के हिस्सों में देखा जा सकता है। हालांकि यह चंद्र ग्रहण दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप में दिखाई नहीं देगा ।
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चंद्र ग्रहण किन-किन जगहों में दिखाई देगा
-उत्तर पूर्वी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में दिखाई देगा
-भारत में पूर्व चंद्र ग्रहण केवल पूर्वी भागों में दिखाई देगा
-आंशिक ग्रहण भारत के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा
-कोलकाता, पटना, सिलीगुड़ी, रांची और गुवाहाटी में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा
साल के आखिरी चंद्र ग्रहण में हमें कई बातों का ध्यान रखना चहिए… ग्रहण काल के दौरान हमें क्या करना चहिए क्या नहीं करना चाहिए आइए जाने है… सबसे पहले हम जानते है कि चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें…
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चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें
शाम 5.31 बजे से 6.18 बजे तक दिखाई देगा
ग्रहण के दौरान भोजन ना करें
ग्रहण के समय ईशवर की उपासना करें
ग्रहण समाप्त हो जाने के बाद स्नान करें
चंद्रमा से संबंधित वस्तुओं का दान करें
चावल, चीनी, दूध, नारियल और चांदी का दान शुभ होगा
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय ईश्वर की उपासना करनी चाहिए
ग्रहण काल में घर से किसी भी परिस्थिति में बाहर ना जाएं
ग्रहण के नियम बीमार, वृद्ध और बच्चों पर लागू नहीं होते हैं
ग्रहण के बाद मंदिर और पूरे घर में गंगाजल छिड़कना चाहिए
चंद्र ग्रहण के दौरान हमें क्या नहीं करना चाहिए ये भी जान लेते है।
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या ना करें
चंद्र ग्रहण के दौरान को भी शुभ काम नहीं करना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान देवी-देवताओं की पूजा भी वर्जित है।
चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन पकाना चाहिए और न ही कुछ खाना-पीना चाहिए।
चंद्र ग्रहण के दौरान नंगी आंखों को चंन्द्रमा को नहीं देखना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं का ग्रहण नहीं देखना चाहिए और न ही घर से बाहर जाना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को अपने पेट पर सूतक लगने से पहले ही गेरू लगा लें.
सूतक लगने के बाद सिलाई कढ़ाई, चाकू, कैंची आदि का प्रयोग करने से परहेज करें
चंद्रग्रहण के दौरान तुलसी समेत अन्य पेड़-पौधों नहीं छूना चाहिए।
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पूर्ण चंद्र ग्रहण को खग्रास कहा जाता है, ये तब लगता है जब जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी के गर्भ में आ जाता है। इस स्थिति में पृथ्वी सूरज को पूरी तरह से ढक लेती है,और सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है। वहीं जब चंद्रमा का केवल एक हिस्सा पृथ्वी के गर्भ में प्रवेश करता है। तो उसे आंशिक या खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जाता है। भारत के सभी हिस्सों में ग्रहण चंद्रोदय के समय से दिखाई देगा। लेकिन आंशिक और पूर्ण, दोनों ही रूपों के प्रारंभिक चरण नहीं दिखाई देंगे हालांकि फिर भी पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सोंक में लोग लोग पूर्ण चंद्र ग्रहण देख सकेंगे। वहीं देश के ज्यामदातर हिस्सोंव में सिर्फ आंशिक चरण ही नजर आएगा।