4 दिसंबर : जानिए क्या है सती प्रथा? क्यों Viceroy Lord William Bentinck ने लगाई थी इस पर रोक

आज 4 दिसंबर का दिन कई मायनों में ऐतिहासिक है। आज ही के दिन 1829 में भारत में सती प्रथा पर अंग्रेज़ वायसराय विलियम बेंटिक (Viceroy William Bentinck) ने रोक लगा दी थी। भारत में इस कुप्रथा को ख़त्म करने का श्रेय अंग्रेज़ वायसराय विलियम बेंटिक (Viceroy William Bentinck) को जाता है। कन्या वध की कुप्रथा और भारतीय समाज से तमाम बुराइयों को भी लार्ड बेंटिक (Lord Bentinck) ने ही ख़त्म किया था।

क्या है सती प्रथा-

सती प्रथा में पति की मृत्यु के बाद पत्नी को भी उसकी चिता पर बिठा दिया जाता था और उसे अपने पती के साथ अपने प्राण को भी त्यागने के लिए विवश किया जाता था। इस प्रथा में जीवित विधवा पत्नी को मृत पति की चिता पर ज़िंदा ही जला दिया जाता था। लोगों का मानना है की माँ दुर्गा के पिता दक्ष द्वारा पति भगवान शिव के किये गये अपमान से क्षुब्ध होकर माँ दुर्गा के रूप ‘सती’ ने अग्नि में आत्मदाह कर लिया था। ऐसा कहा जाता है कि सती प्रथा की शुरुआत यहीं से हुई थी। भारतीय इतिहास के अनुसार गुप्तकाल में 510 ईसवी के आसपास सती प्रथा के होने का प्रमाण मिलता है। 19वीं शताब्दी में इसे रोकने के लोग थोड़े जागरुक होना लगे। राजा राम मोहन रॉय (Raja Ram Mohan Roy) ने सती प्रथा को ख़त्म करने के लिए कई कोशिशें की थीं।

Raja Ram Mohan Roy

सती प्रथा खत्म करने के प्रयास-

राजा राम मोहन रॉय (Raja Ram Mohan Roy) ने सती प्रथा जैसी ग़लत परंपराओं के ख़िलाफ़ निरन्तर आन्दोलन चलाया और उनके बुरे प्रभावों के साथ उसके निवारण पर हिंदी, अंग्रेज़ी और बांग्ला भाषा में पुस्तकें लिखकर मुफ़्त में बंटवाईं। राजा राम मोहन रॉय (Raja Ram Mohan Roy) के आन्दोलन और निरंतर कोशिशों के प्रभाव के कारण ही 1829 में लॉर्ड विलियम बेंटिक (Lord William Bentinck) सती प्रथा को बन्द कराने में समर्थ हो सके।

कश्मीर के शासक सिकन्दर (Sikandar) ने 15वीं शताब्दी में इस प्रथा को बन्द करवा दिया था। इसके बाद में पुर्तग़ाली गर्वनर अल्बुकर्क (Governor Albuquerque) ने इस प्रथा को बन्द करवाया। भारत में अकबर (Akbar) व पेशवाओं के गर्वनर जनरल लार्ड कार्नवालिस (Lord Cornwallis) और लार्ड हैस्टिंग्स (Lord Hastings) ने भी इस दिशा में कुछ प्रयत्न किये, लेकिन इस कुप्रथा को क़ानूनी रूप से बन्द करने का श्रेय लार्ड विलियम बैंटिक (Lord William Bentinck) को जाता है। 

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