मानवता के खिलाफ तानाशाह किम, चलना चाहिए केस: अंतरराष्ट्रीय कानून विशेषज्ञ

उत्तर कोरियानई दिल्ली। दुनिया के 3 दिग्गज कानून के जानकारों ने उत्तर कोरिया में राजनीतिक कैदियों के साथ होने वाले अमानवीय व्यवहार और उन्हें दी जाने वाली यातना पर आधारित रिपोर्ट तैयार की है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तानाशाह किम जोंग उन और उनके कुछ अधिकारियों के ऊपर मानवता के खिलाफ काम करने के के लिए अभियोग लगाया जाना चाहिए।

कानून विशेषज्ञों ने यह रिपोर्ट उत्तर कोरिया के कैंप में यातना भुगत चुके लोगों और वहां से बचकर भाग निकले पीड़ितों की व्यथा के आधार पर तैयार की है।

रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि, राजनीतिक कैदियों को रखे जाने वाले कैंप में 80 हजार से लेकर 1 लाख 30 हजार तक राजनैतिक कैदी अभी भी नरकीय जीवन जी रहे हैं।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन कैंप में कैदियों को यातना दी जाती है जिनमें शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के साथ सुनियोजित तरीके से लोगों और मासूम बच्चों को भी मौत के घाट उतारा जाता है।

रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि महिला कैदियों से बलात्कार किया जाता है और गर्भवती होने पर उन्हें जबरन गर्भपात के लिए भी मजबूर किया जाता है।

इसके साथ ही कैदियों से क्षमता से अधिक काम कराया जाता है, जिसकी वजह से भी कुछ लोगों की मौत हो जाती है। इन मौतों का कहीं कोई आधिकारिक रेकॉर्ड दर्ज नहीं होता।

बता दें कि 2014 में संयुक्त राष्ट्र की एक कमिटी ने उत्तरी कोरिया में होने वाले अमानवीय अपराधों पर एक रिपोर्ट तैयार की थी।

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