#Movie Review: सैफ के फैंस के लिए ही है ‘कालाकांडी’

कालाकांडीफिल्म– कालाकांडी

रेटिंग– 3

सर्टिफिकेट– U/A

स्टार कास्ट– सैफ अली खान, कुणाल रॉय कपूर, अक्षय ओबरॉय, विजय राज, दीपक डोबरयाल, शोभिता धूलिपाला, शिव पाटिल, शेहनाज ट्रेजरीवाला, नैरी सिंह

डायरेक्टर– अक्षत वर्मा

प्रोड्यूसर– सिनेस्‍तान फिल्‍म कंपनी, फ्लाइंग यूनिकॉर्न एंटरटेनमेंट

म्यूजिक– समीरुद्दीन, शाश्‍वत सचदेव

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कहानी– फिल्म की कहानी एक ऐसे व्‍यक्ति पर आधारित है जिसे पेट का कैंसर हो गया है। मुख्‍य किरदार में सैफ अली खान को एक दिन अचानक से पता चलता है कि उन्‍हें पेट का कैंसर है जबकि उन्‍होंने कभी शराब या धूम्रपान का सेवन तक नहीं किया होता है।

ऐसे में ये बात जानकर उन्‍हें बहुत हैरानी होती है। वह डॉक्‍टर से कहते हैं कि उन्‍होंने आजतक ऐसी किसी चीज का सेवन नहीं किया। इसपर डॉक्‍टर उन्‍हें वो सबकुछ करने की इजाजत देते हैं जिससे उन्‍हें खुशी मिले।

इसके बाद सैफ एक ड्रग लेना शुरू कर देते हैं। इन सबके बीच उनकी जिंदगी कुछ और दिलचस्‍प और अलग अलग किरदारों में जुड़ जाती है। उनमें से किसी को पैसों की लालच होती है तो कोर्इ ड्रग स्‍मगलर होता है। सैफ की लाइफ में हालात और नए किरदारों की एंट्री से जबरदस्‍त ट्विस्‍ट एंड टर्न आते हैं। ऐसे में कहानी किस मोड़ से होकर अंजाम तक पहुंचती है ये जानने के लिए आपको सिनेमा घर ही जाना पड़ेगा।

बता दें, मराठी लोग अपनी बोल चाल की भाषा में ‘कालाकांडी’ शब्‍द का इस्‍तेमाल करते हैं। इसे तब बोलते है जब लाइफ में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा होता है।

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एक्टिंग–  वैसे तो कालाकांडी के सभी किरदारों ने अपना बेस्‍ट देने की कोशिश की है। फिर भी इन सबके बीच सैफ की परफॉर्मेंस ज्‍यादा अच्‍छी रही है। विजय राज, दीपक डोबरि‍याल की एक्‍टिंग काबिल-ए-तारीफ है। दोनों की एंट्री से फिल्‍म काफी मजेदार हो जाती है। इनके अलावा कुणाल और अक्षय की एक्‍टिंग भी अच्‍छी है। सभी स्‍टार्स ने अपने अपने किरदारों की मौजूदगी का पूरा एहसास कराया है।

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डायरेक्शन– अक्षत वर्मा ने फिल्म कालाकांडी से डायरेक्‍शन में पहला कदम रखा है। इससे पहले अक्षत फिल्‍म ‘डेल्‍ही बेली’ की कहानी लिख चुके है। इस फिल्म में उनकी वही पुरानी छवि देखने को मिली है। ‘डेल्ही बेली’ की तरह कालाकांडी भी एक डार्क कॉमेडी है। अक्षत की पहली कोशिश ठीक ठाक है हालांकि वो अपने डायरेशन डेब्‍यू से खास इप्रेस करने में नाकामयाब साबित हुए है। फिल्‍म के डायलॉग मजेदार हैं। कुछ सीन को काफी अंधेरे में शूट हुए हैं। फिल्‍म की कहानी बीच-बीच में भटकी हुई लगती है।

म्‍यूजिक – फिल्‍म के गाने कुछ खास जादू नहीं चला पाए हैं। सभी गानों में से लोक गीत ‘काला डोरेया’ का रीक्रिएट वर्जन काफी हद तक अच्‍छा है। इस गाने को लोगों ने पसंद भी किया है।

देखें या नहीं–  डार्क कॉमेडी और स्‍टार्स की मजेदार एक्टिंग एंजॉय करने के लिए कालाकांडी देखने सिनेमाघर जा सकते हैं।

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