ISRO का 23वां मिशन हुआ सफल, PSLV ने भरा 54 वां उड़ान
दिलीप कुमार
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो ) ने सोमवार सुबह 05:59 बजे आंध्रप्रदेश के श्री हरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दो छोटे सह-यात्री सेटेलाइट के साथ पिएसएलवी लांच किया है। इसरो का यह इस वर्ष का पहला प्रक्षेपण मिशन था, जिसकी 25 घंटे की उलटी गिनती रविवार से शुरू हुई थी।
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इसरो ने ट्वीट के जरिए कहा कि पीएसएलवी- सी 52/ईओएस-04 मिशन के प्रक्षेपित होने के लिए 25 घंटे 30 मिनट की उलटी गिनती की प्रक्रिया सुबह 04:29 बजे से शुरू हो गई है।
बता दें कि प्रक्षेपण यान को पृथ्वी अवलोकन उपग्रह EOS-04 की परिक्रमा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसका वजन 1,710 किलोग्राम है, जो 529 किमी की सूर्य तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा में है। यह एक रडार इमेजिंग सैटेलाइट है, जिसके सहायता से वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी, जल विज्ञान और बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों के लिए सभी मौसम की स्थिति में उच्च गुणवत्ता वाली छवियां प्राप्त करनें के लिए इसे डिज़ाइन किया गया है।
कोलराडो विश्वविद्यालय के वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला और भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान संस्थान के एक छात्र के संयुक्त प्रयास से इस सह-यात्री सैटेलाइट का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही एनटीयू सिंगापुर और एनसीयू ताइवान का भी योगदान है। अभी इस सैटेलाइट में कुछ सुधार की गुंजाइश है।
दूसरा उपग्रह आइएनएस-2TD इसरो का प्रद्योगिकि प्रदर्शक है, जो कि भारत भूटान के संयुक्त उपग्रह का आइएनएस-2B का अग्रदूत है। यह अपने पैलोड के रूप में एक थर्मल इमेजिंग कैमरा होने के कारण भूमि के सतह का तापमान, आद्र भूमि या झीलों के पानी की सतह के तापमान, वनस्पतियों और दिन-रात का आकलन करेगा। आपको बता दें कि यह पीएसएलवी की 54 वीं उड़ान है और 6 पीएस एलवी -एक्सएल कॉन्फिगरेशन का उपयोग करते हुए 23 वां मिशन है।